द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Election 2025) की तारीखों का ऐलान हो गया है। इस बार राज्य में दो चरणों में मतदान कराया जाएगा। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा। मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव से जुड़ी सभी तैयारियों की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस बार चुनाव में 17 नए प्रयोग किए जा रहे हैं, जिनसे प्रक्रिया को और पारदर्शी और आधुनिक बनाया जाएगा। इनमें EVM पर उम्मीदवारों की रंगीन फोटो, बड़े अक्षरों में नाम, और हर बूथ पर वेबकास्टिंग जैसी व्यवस्थाएं शामिल हैं।
पारदर्शिता और तकनीक पर जोर
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार का चुनाव मॉडल अब पूरे देश में लागू करने की योजना है। उन्होंने बताया कि वोटर लिस्ट की सभी त्रुटियाँ दूर कर दी गई हैं। अब पोलिंग कमरे के ठीक बाहर मतदाता अपना मोबाइल फोन जमा कर सकता है और वोट डालने के बाद वापस ले सकता है। चुनाव आयोग ने इस बार ‘ECINet’ नामक एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म भी शुरू किया है, जिसके ज़रिए चुनाव से जुड़ी पूरी जानकारी, शिकायत निवारण, और निगरानी एक ही जगह पर उपलब्ध होगी। यह प्लेटफ़ॉर्म चुनाव आयोग के 40 अलग-अलग ऐप्स को एकीकृत करेगा।
वोटिंग और काउंटिंग की व्यवस्था
बिहार में कुल 90,712 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं, जिनमें से 76,801 ग्रामीण और 13,911 शहरी क्षेत्रों में होंगे। एक पोलिंग स्टेशन पर औसतन 818 वोटर होंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि हर बूथ पर हिंसा के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है। सभी अधिकारियों को निष्पक्ष रूप से काम करने के निर्देश दिए गए हैं।
काउंटिंग को लेकर भी खास व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा, कई बार मॉक पोल के बाद डेटा डिलीट नहीं होने से मिलान में समस्या आती है। इसलिए जब भी फॉर्म 17C में मिसमैच मिलेगा, उस स्थिति में VVPAT की गिनती अनिवार्य रूप से की जाएगी।
फेक न्यूज पर सख्ती और विशेष सुविधाएँ
CEC ने स्पष्ट किया कि फेक न्यूज या अफवाह फैलाने वालों पर तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बार बुजुर्गों और दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है, ताकि वे आसानी से मतदान कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि लगभग 22 साल बाद बिहार में मतदाता सूची का शुद्धिकरण कार्य पूरा हुआ है और सभी राजनीतिक दलों को इसकी अंतिम प्रति सौंप दी गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, बिहार का यह चुनाव सिर्फ लोकतंत्र का पर्व नहीं, बल्कि पारदर्शिता और विश्वास बहाली का नया अध्याय साबित होगा।