द लोकतंत्र: हिमाचल प्रदेश में इस समय कुदरत का कहर जारी है। राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। कुल्लू जिले की सैंज घाटी के दुरीधार गांव में शनिवार (27 जुलाई) को हुए भूस्खलन (Landslide) की वजह से 11 मकानों को खाली कराया गया और करीब 20 लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया।
कुल्लू के उपायुक्त तारुल एस. रवीश ने जानकारी दी कि सभी प्रभावितों को PWD के विश्राम गृह में बनाए गए ट्रांजिट कैंप में शिफ्ट कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता लोगों की जान बचाना थी और वह सफलतापूर्वक किया गया। जल्द ही प्रभावित क्षेत्र का तकनीकी मूल्यांकन भी किया जाएगा।
पंचायत प्रधान ने दी ज़मीनी जानकारी
सैंज पंचायत के प्रधान भगतराम आजाद ने बताया कि गांव के पीछे की पहाड़ी लगातार खिसक रही थी और पत्थर गिरने से गांव में डर का माहौल बन गया था। प्रशासन ने समय पर कार्रवाई करते हुए सभी को सुरक्षित निकाल लिया।
राज्य में 213 सड़कें बंद, 82 मौतें
राज्य में लगातार हो रही बारिश के कारण अब तक दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 213 सड़कों पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। मंडी ज़िले में अकेले 140 सड़कें बंद हैं, जिसमें एनएच-70 (मनाली-कोटाली मार्ग) और राष्ट्रीय राजमार्ग 305 शामिल हैं। यह मार्ग सैंज को औट से जोड़ता है और केखसू व झेड़ के पास भूस्खलन की वजह से बंद है।
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के मुताबिक, 20 जून से शुरू हुए मानसून के दौरान राज्य में अब तक 82 लोगों की जान जा चुकी है और 34 लोग लापता हैं। इसी अवधि में 42 बार बाढ़, 25 बादल फटने और 32 बार भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गईं। अनुमानित आर्थिक नुकसान 1,436 करोड़ रुपये से अधिक है।
29 जुलाई को ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने चंबा, कांगड़ा, मंडी और कुल्लू जिलों के कुछ हिस्सों में 29 जुलाई को भारी बारिश की संभावना जताई है और ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है। शुक्रवार शाम से जाटों बैराज, पालमपुर, मंडी और शिमला में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है।
राज्य प्रशासन लगातार हालात पर नजर रखे हुए है और प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य जारी है। लोगों से आग्रह किया गया है कि वह पहाड़ी इलाकों में अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।