द लोकतंत्र : ज्ञानवापी मस्जिद मसले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंदिर वाले दावे के बाद सियासी हंगामा मच गया है। सीएम योगी के बयान पर पलटवार करते हुए समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा है कि जबरदस्ती ज्ञानवापी को मंदिर बताया जा रहा है। वहां कोई त्रिशूल नहीं था, न तो ऐसा कुछ मिला है और न ही हम ऐसा मानते हैं।
शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा मुसलमानों से कोई गलती नहीं हुई
शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा, मुसलमानों से कोई गलती नहीं हुई और न ही मुसलमानों ने झगड़े किए। इन्ही लोगों ने छेड़छाड़ करके जबरदस्ती मंदिर कहना शुरू कर दिया है। लेकिन आज हम अपनी आस्था के हिसाब से मस्जिद मानते है तो इन्हें क्या ऐतराज है।
सांसद शफीकुर्रहमान ने आगे कहा, देश के अंदर कानून मौजूद है। लोकतंत्र है। देश में सबको हर मजहब वाले को अपने अपने मजहब पर रहने और अपनी बात कहने का हक दिया गया है। दूसरों को भी जीने का मौका दीजिए। उनके साथ इस किस्म का जुल्म ज्यादती करना गलत है।
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ज्ञानवापी को मस्जिद कहना जायज नहीं
बता दें, सीएम योगी आदित्यनाथ ने समाचार एजेंसी ANI को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ज्ञानवापी को मस्जिद कहना जायज नहीं है। दीवारें चिल्ला-चिल्ला कर कह रही हैं। मुस्लिम पक्ष को अपनी ऐतिहासिक गलती को स्वीकार कर समाधान का प्रस्ताव देना चाहिए।
सीएम योगी ने कहा कि अगर हम ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो फिर विवाद होगा। मुझे लगता है कि भगवान ने जिसे दृष्टि दी है वह देखे न। त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है? हमने तो नहीं रखे हैं न। ज्योतिर्लिंग हैं। देव प्रतिमाएं हैं। पूरी दीवारें चिल्ला-चिल्ला कर क्या कह रही हैं?