द लोकतंत्र: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को Sheep Distribution Scheme से जुड़े एक बड़े घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने इस मामले में हैदराबाद के 8 विभिन्न ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की, जिनमें लाभार्थियों, बिचौलियों और संबंधित अधिकारियों के ठिकाने शामिल हैं।
क्या है भेड़ वितरण योजना?
वर्ष 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और चरवाहों को स्थाई रोजगार देने के लिए Sheep Rearing Development Scheme (SRDS) की शुरुआत की थी। योजना के तहत प्रत्येक पात्र परिवार को 75 प्रतिशत सब्सिडी पर 20 भेड़ें दी गईं थीं। इस योजना पर कुल मिलाकर 5,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
घोटाले के चौंकाने वाले खुलासे
हालांकि योजना के क्रियान्वयन में भारी अनियमितताएं सामने आईं। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की मार्च 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, योजना में फर्जी बिल, डुप्लीकेट टैग और मृत व्यक्तियों के नाम पर भेड़ें अलॉट किए जाने जैसे मामले सामने आए हैं। रिपोर्ट में सिर्फ 7 जिलों की जांच के आधार पर सरकार को 253.93 करोड़ रुपये के नुकसान की बात कही गई है। पूरे राज्य में यह घोटाला 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का हो सकता है।
ईडी की सक्रियता बढ़ी
ईडी ने इस मामले में जिन 8 ठिकानों पर छापेमारी की, वहां से महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि जिन लोगों को योजना का लाभ मिला और जिन पर बिचौलियों की भूमिका का संदेह है, उन पर भी नजर रखी जा रही है।
ED की FIR में घोटाले की रकम 2.1 करोड़
ईडी ने जिन मामलों में एफआईआर दर्ज की है, उसमें घोटाले की रकम 2.1 करोड़ रुपये बताई गई है, लेकिन CAG की रिपोर्ट के अनुसार यह आंकड़ा कहीं अधिक है। जांच एजेंसी को ऐसे कई दस्तावेज मिले हैं जो घोटाले की गंभीरता और व्यापकता को साबित करते हैं।
सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में इस मामले में और भी लोगों पर शिकंजा कस सकता है और छापेमारी का दायरा बढ़ सकता है। ED अब अन्य जिलों के वितरण आंकड़ों और दस्तावेजों की भी जांच करने वाली है।