द लोकतंत्र: भारत में इस बार मॉनसून ने समय से पहले दस्तक दी और जून-जुलाई के पहले हिस्से में अच्छी बारिश हुई। अब मौसम विभाग (IMD) की ताज़ा भविष्यवाणी के अनुसार, मॉनसून सीजन 2025 के दूसरे हिस्से यानी अगस्त और सितंबर में भी सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक ने कहा कि अगस्त के महीने में देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य बारिश दर्ज होगी, जबकि सितंबर में यह सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।
किन इलाकों में कितनी बारिश होगी?
आईएमडी के अनुसार, देशभर में अगस्त-सितंबर के दौरान औसतन 422.8 मिमी की दीर्घकालिक औसत वर्षा के मुकाबले 106% तक बारिश हो सकती है। यानी कि कुल मिलाकर औसत से ज्यादा बारिश होगी।
हालांकि कुछ क्षेत्रों में कम बारिश के आसार हैं:
पूर्वोत्तर राज्य: अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिज़ोरम, मेघालय, त्रिपुरा, नगालैंड, सिक्किम
पूर्वी भारत के समीपवर्ती क्षेत्र: उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़
दक्षिण-पश्चिम भारत के क्षेत्र: महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के आसपास के क्षेत्र
इन जगहों पर सामान्य से कम वर्षा हो सकती है। वहीं, देश के शेष हिस्सों में अच्छी और संतुलित वर्षा की उम्मीद है।
कृषि पर क्या होगा असर?
मॉनसून भारतीय कृषि व्यवस्था की रीढ़ है। लगभग 50% कृषि भूमि मानसून वर्षा पर निर्भर है, खासकर खरीफ फसलों जैसे:
चावल
मक्का
सोयाबीन
कपास
गन्ना
इन फसलों की बुआई आमतौर पर जून-सितंबर के बीच होती है। अगर बारिश समय पर और पर्याप्त होती है, तो फसल उत्पादन बेहतर होता है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होती है।
पहले हिस्से में भी हुई थी जोरदार बारिश
जून और जुलाई में सामान्य से ज्यादा वर्षा के चलते हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। इस बार भी मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि ज्यादा बारिश से अचानक बाढ़ और भूस्खलन की संभावना बनी रह सकती है।
मॉनसून 2025 का दूसरा हिस्सा देश की कृषि, जल संरक्षण और अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत दे रहा है। हालांकि कुछ क्षेत्रों को सतर्क रहने की जरूरत है, खासकर जहां कम बारिश की आशंका जताई गई है।