द लोकतंत्र: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बीजेपी सांसद और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को बड़ा झटका दिया है। किसान आंदोलन के दौरान महिला प्रदर्शनकारी महिंदर कौर पर पैसे लेकर धरने में शामिल होने का आरोप लगाने के मामले में दर्ज मानहानि की शिकायत को रद्द करने की उनकी याचिका अदालत ने खारिज कर दी है।
अब इस मामले में 2021 से रुका हुआ आपराधिक ट्रायल फिर से शुरू होगा, जिससे कंगना को कानूनी प्रक्रिया का सामना करना होगा।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 2021 के किसान आंदोलन से जुड़ा है। उस समय कंगना रनौत ने एक बुजुर्ग महिला की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि महिलाएं 100-100 रुपए लेकर आंदोलन में शामिल हो रही हैं। उन्होंने इस महिला को शाहीन बाग की “बिलकिस दादी” समझ लिया था।
बाद में पता चला कि वह महिला पंजाब के बठिंडा जिले के बहादुरगढ़ जंडिया गांव की रहने वाली महिंदर कौर थीं। उन्होंने 4 जनवरी 2021 को बठिंडा की अदालत में कंगना के खिलाफ मानहानि की आपराधिक शिकायत दर्ज कराई।
अदालत का कड़ा रुख
महिंदर कौर की शिकायत के अनुसार, कंगना का ट्वीट उनकी सामाजिक छवि को नुकसान पहुंचाने वाला था। अदालत ने भी यह माना कि कंगना का बयान एक सम्मानित महिला की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाला था।
कंगना की ओर से दलील दी गई थी कि उन्होंने यह पोस्ट खुद नहीं लिखी बल्कि एक वकील का ट्वीट रीपोस्ट किया था। लेकिन अदालत ने इस तर्क को अस्वीकार करते हुए याचिका खारिज कर दी। अब इस फैसले के बाद कंगना के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दोबारा शुरू किया जाएगा।
अब इस मामले में कंगना को बठिंडा अदालत में पेश होना पड़ सकता है। चूंकि ये आपराधिक मामला है, इसलिए कोर्ट समन जारी कर सकती है। यदि दोषी पाई गईं, तो उन्हें जेल या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।