द लोकतंत्र: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी। इस वीभत्स हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन TRF ने ली थी। इसके बाद से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों के खिलाफ निर्णायक अभियान छेड़ दिया है, जिसका परिणाम अब सामने आने लगा है।
इस हमले के बाद हुई 6 अलग-अलग मुठभेड़ों में अब तक कुल 21 आतंकियों को मार गिराया गया है, जिनमें 12 पाकिस्तानी और 9 स्थानीय आतंकी शामिल हैं। यह अभियान सुरक्षा बलों की आक्रामक नीति और सूचना आधारित कार्रवाई की पुष्टि करता है।
ऑपरेशन अखल: कुलगाम में लश्कर मॉड्यूल का खात्मा
कुलगाम जिले के अखल वन क्षेत्र में हुए ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा के तीन खतरनाक आतंकियों ज़ाकिर अहमद गनी, आदिल रहमान डेंटू और हरीश डार — को ढेर कर दिया गया। इस दौरान एके-47, ग्रेनेड और गोला-बारूद बरामद हुआ।
बड़ी मुठभेड़ें और ऑपरेशन
सांभा सेक्टर: बीएसएफ ने सीमा पार घुसपैठ की कोशिश करते 7 जैश-ए-मोहम्मद आतंकियों को मार गिराया।
शोपियां: केल्लर जंगल में लश्कर के तीन आतंकी मारे गए, जिनमें A कैटेगरी का शाहिद कुट्टे भी शामिल था।
त्राल: जैश-ए-मोहम्मद के तीन लोकल आतंकी, जिनमें डिस्ट्रिक्ट कमांडर आसिफ अहमद शेख शामिल था, ढेर कर दिए गए।मुलनार गांव (ऑपरेशन महादेव): लश्कर के तीन पाकिस्तानी आतंकी सुलेमान, अफगान और जिब्रान मारे गए।
पूंछ (ऑपरेशन शिवशक्ति): लश्कर के दो पाकिस्तानी आतंकी ढेर हुए।
आतंकियों की संख्या में भारी गिरावट
इन कार्रवाइयों से घाटी में लोकल आतंकियों की संख्या में बड़ी गिरावट आई है। अब गिने-चुने आतंकी ही सक्रिय हैं, जिनमें पुलवामा का अहसान अहमद शेख और शोपियां का आसिफ अहमद खांडे जैसे नाम हैं। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, अब आतंकियों की सप्लाई लाइन और नेटवर्क दोनों पर गहरी चोट पहुंची है।
यह स्पष्ट है कि भारतीय सुरक्षा बल आतंकवाद के सफाए के लिए अब निर्णायक मोड़ पर हैं। पहलगाम हमला अब घाटी में आतंक के अंत की शुरुआत बनता दिख रहा है।