द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन का सोमवार को दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया। 81 वर्षीय ‘दिशोम गुरु’ के निधन की खबर से पूरे झारखंड और देश भर में शोक की लहर है। आदिवासी समुदाय के इस मजबूत स्तंभ को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं अस्पताल पहुंचे।
उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए शोक संवेदना व्यक्त की और कहा कि उनका दुख साझा करने का अवसर उन्हें सोरेन परिवार से मिलने के दौरान मिला। पीएम ने लिखा, मेरी संवेदनाएं हेमंत जी, कल्पना जी और शिबू सोरेन जी के प्रशंसकों के साथ हैं।
चिराग पासवान बोले- समाज में बड़ा शून्य पैदा हो गया है
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने शिबू सोरेन को याद करते हुए कहा, उनके निधन से समाज में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है। वे दबे-कुचले वर्गों की सशक्त आवाज़ थे। मेरे पिता रामविलास पासवान जी से उनके आत्मीय संबंध थे। उन्होंने आदिवासी समाज को मुख्यधारा में लाने का काम किया।
रघुबर दास ने बताया ‘पितातुल्य’, कहा – गुरुजी की क्षति मेरी व्यक्तिगत क्षति है
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रघुबर दास ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, शिबू सोरेन मेरे लिए पितातुल्य थे। उन्होंने हमेशा मुझे बेटे की तरह स्नेह दिया। मैंने उन्हें नज़दीक से देखा है। एक साधारण जीवन जीने वाले, ऊंचे विचारों वाले नेता थे। झारखंड में हर कोई ‘गुरुजी’ के निधन से दुखी है।
राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि, कहा – आदिवासी समाज की मज़बूत आवाज़
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी X पर शोक संदेश साझा करते हुए लिखा, शिबू सोरेन जी का निधन आदिवासी समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने जीवनभर उनके हक़ और अधिकारों के लिए संघर्ष किया। झारखंड के निर्माण में उनकी भूमिका ऐतिहासिक रही है।
संजय सेठ ने कहा – शिबू सोरेन सभी विचारधाराओं से ऊपर थे
रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने शिबू सोरेन को याद करते हुए कहा, “वे झारखंड आंदोलन के अग्रदूत थे और उन्होंने हमेशा सभी के साथ प्रेम और सम्मान का व्यवहार किया। उनका जाना पूरे देश के लिए अत्यंत दुखद है।”