द लोकतंत्र: शनि देव को हिंदू धर्म में न्याय के देवता माना जाता है, जो व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। बहुत से लोग शनि को क्रूर मानते हैं, लेकिन असल में शनि जीवन में अनुशासन, धैर्य और आत्मनिरीक्षण सिखाते हैं। यदि आपके जीवन में बार-बार समस्याएं आ रही हैं, कार्य रुक रहे हैं, करियर में रुकावटें आ रही हैं या मानसिक बेचैनी बनी रहती है, तो यह संभव है कि आप शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या महादशा के प्रभाव में हों।
यहां हम आपको ऐसे 10 आसान और प्रभावशाली वैदिक उपाय बता रहे हैं जिनसे आप शनि देव को प्रसन्न कर सकते हैं और उनके दोष से मुक्ति पा सकते हैं।
शनि दोष से राहत के 10 उपाय:
हर शनिवार गोधूलि वेला में पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ध्यान करें और काले तिल अर्पित करें।
ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें। यह मंत्र शनि की ऊर्जा को शांत करता है।
कौवे को चावल और तिल खिलाएं। इससे पितृ दोष भी दूर होता है।
शनि होरा के दौरान घोड़े की नाल से बनी अंगूठी पहनें। यह शत्रुओं से सुरक्षा देता है।
छिपे हुए कर्मों को ठीक करने के लिए Shadow Work और Dream Journaling का अभ्यास करें।
दक्षिण-पश्चिम कोने में सरसों के तेल से बना शनि दीपक जलाएं। यह धन और करियर की रुकावटों को दूर करता है।
श्मशान, गंदगी या निर्जन स्थानों पर सेवा करें। शनि को ऐसे कर्म प्रिय हैं।
शनिवार को काले वस्त्र पहनें और मौन का अभ्यास करें। इससे आंतरिक शक्ति बढ़ती है।
शमी वृक्ष के नीचे सरसों का तेल चढ़ाएं और अष्टांग प्राणायाम करें। यह भय और बेचैनी दूर करता है।
मन और कर्म की शुद्धता बनाए रखें। शनि उन्हीं पर कृपा करते हैं जो ईमानदार और अनुशासित होते हैं।
शनि कोई दुष्ट ग्रह नहीं हैं, बल्कि आपके जीवन को बेहतर दिशा में ले जाने वाले गुरु समान हैं। इन उपायों को अपनाकर आप न सिर्फ शनि के अशुभ प्रभावों से बच सकते हैं, बल्कि उनके आशीर्वाद से सफलता, समृद्धि और मानसिक शांति भी प्राप्त कर सकते हैं।