द लोकतंत्र: उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज सुबह 11 बजे से “विकसित भारत – विकसित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर भारत – आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश” के विजन डॉक्यूमेंट पर 24 घंटे का विशेष सत्र शुरू हुआ। इस सत्र में विभिन्न दलों के विधायक 2047 तक राज्य के विकास के विजन पर चर्चा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार इस बहस के बाद जनता से सुझाव लेकर अंतिम विजन डॉक्यूमेंट तैयार करेगी।
चर्चा में राजनीति का तड़का
सत्र की शुरुआत में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए आज ही कार्ययोजना बनानी चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज़ादी के 100 साल पूरे होने पर भारत के भविष्य का विजन पेश किया था, जिसके तहत सभी राज्यों ने अपना-अपना रोडमैप बनाया।
सत्र के दौरान एक दिलचस्प मोड़ तब आया जब नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि चर्चा 24 घंटे नहीं बल्कि 72 घंटे चलनी चाहिए। इस पर सदन में ठहाके गूंज उठे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मुस्कुरा पड़े। विधानसभा अध्यक्ष ने पांडेय को याद दिलाया कि सर्वदलीय बैठक में उन्होंने ही 24 घंटे का प्रस्ताव रखा था।
सपा का ‘विजन नहीं, रीजन बताओ’ अभियान
विधानसभा की कार्यवाही से पहले समाजवादी पार्टी के विधायकों ने परिसर में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। उनका नारा था – “विजन नहीं, रीजन बताओ”। सपा का कहना है कि वर्तमान स्थिति सुधरे बिना 2047 के सपने दिखाना जनता को गुमराह करना है। सपा आज सदन में विजन 2047 के विरोध में 47 सवाल पेश करने वाली है।
विजन 2047 पर चल रही यह 24 घंटे की नॉन-स्टॉप चर्चा में सभी दलों को हिस्सा लेने का मौका मिलेगा। सरकार का कहना है कि बहस के बाद जनता से सुझाव लिए जाएंगे और उसके बाद अंतिम डॉक्यूमेंट विधानसभा में पेश किया जाएगा।
यह सत्र न केवल विकास योजनाओं का रोडमैप तय करेगा बल्कि सियासी माहौल को भी गर्माने का काम करेगा।