द लोकतंत्र: हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश ने एक बार फिर कहर बरपाया है। लगातार हो रही भारी बारिश से मंडी, कुल्लू और किन्नौर जिलों में अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। कई सड़कें बंद हो गई हैं, गाड़ियां बह गईं और कारोबार पूरी तरह ठप हो गया है। प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं।
मंडी में हाईवे बंद, जनजीवन प्रभावित
मंडी जिले में चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर टकोली, पनारसा और नगवाईं क्षेत्रों में भारी मलबा आने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। झलोगी इलाके में भी भूस्खलन से हाईवे अवरुद्ध है। टकोली सब्जी मंडी में पानी और मलबा भर जाने से कारोबार रुक गया है। कई घरों के अंदर तक मलबा घुस गया है, जिससे स्थानीय परिवारों की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो गई है।
कुल्लू में बाढ़ का कहर
कुल्लू के पाहनाला और नगवाईं में तेज पानी के बहाव ने भारी तबाही मचाई। मंडी से औट तक का इलाका बुरी तरह प्रभावित हुआ। जानकारी के अनुसार, बाढ़ और मलबे में 15 से अधिक गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई हैं। कुछ वाहन बह गए जबकि कुछ मलबे में दब गए। हालांकि राहत की बात यह है कि अब तक किसी जनहानि की खबर नहीं मिली है।
किन्नौर में भूस्खलन, दो पर्यटकों की मौत
किन्नौर जिले के युल्ला कांडा क्षेत्र में भूस्खलन की चपेट में आकर दिल्ली से आए दो पर्यटकों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान प्रशिल बाघमारे (27) और रश्मि राम (25) के रूप में हुई है।
दोनों श्रीकृष्ण मंदिर की ओर जा रहे थे, तभी ऊपर से गिरे पत्थरों ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। पुलिस और राहत दल मौके पर पहुंचे और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भावनगर अस्पताल भेजा गया।
प्रशासन अलर्ट पर
मंडी के एएसपी सचिन हिरेमठ ने बताया कि प्रशासन लगातार हालात पर नजर रखे हुए है और राहत व बहाली कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। वहीं, किन्नौर के एसपी अभिषेक शेखर ने कहा कि हादसे की जांच चल रही है और आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।
हिमाचल प्रदेश में बारिश और भूस्खलन का खतरा लगातार बना हुआ है। मंडी और कुल्लू में जहां बाढ़ से सड़कें और कारोबार प्रभावित हुए हैं, वहीं किन्नौर में पर्यटकों की जान चली गई। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।