द लोकतंत्र: सेहतमंद रहने के लिए विटामिन्स का सही मात्रा में सेवन बेहद जरूरी है। इनमें से विटामिन D को “सनशाइन विटामिन” कहा जाता है क्योंकि यह सूरज की रोशनी से शरीर में बनता है। यह हड्डियों को मजबूत बनाने, इम्यूनिटी बढ़ाने और ओवरऑल हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद है। लेकिन अगर आप इसकी ज्यादा मात्रा ले लेते हैं तो यह फायदेमंद नहीं, बल्कि जानलेवा साबित हो सकता है।
ब्रिटेन में विटामिन D के ओवरडोज से मौत
साल 2024 में ब्रिटेन में 89 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी। जांच में सामने आया कि उन्होंने लंबे समय तक जरूरत से ज्यादा विटामिन D सप्लीमेंट लिया, जिसके कारण उनके हार्ट और किडनी फेल हो गए। डॉक्टरों ने साफ कहा कि विटामिन D का ओवरडोज शरीर के लिए बेहद खतरनाक है।
कितना विटामिन D लेना सही है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स और इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन (अब NASEM) के अनुसार:
19 से 70 साल के लोगों को रोजाना 15 mcg (600 IU) विटामिन D लेना चाहिए।
70 साल से ज्यादा उम्र वालों को रोजाना 20 mcg (800 IU) लेना चाहिए।
एक वयस्क इंसान अधिकतम 100 mcg (4000 IU) प्रतिदिन ले सकता है।
इससे ज्यादा लेने पर यह शरीर के लिए जहर जैसा असर कर सकता है।
क्लिवलैंड क्लिनिक के अनुसार, कुछ लोगों के लिए 100 mcg भी ज्यादा हो सकता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना ज्यादा सप्लीमेंट लेना खतरनाक हो सकता है।
विटामिन D टॉक्सिसिटी के लक्षण
जब शरीर में विटामिन D की मात्रा जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है, तो इसे Vitamin D Toxicity कहा जाता है। इसके कारण खून में कैल्शियम का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है।
शुरुआती लक्षण: उल्टी, मिचली, कब्ज, पेट दर्द, भूख कम लगना।
गंभीर स्थिति: किडनी की समस्या, बेहोशी, हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द, हार्ट रेट की गड़बड़ी।
सबसे ज्यादा असर किन अंगों पर?
किडनी पर असर: इससे किडनी स्टोन, नेफ्रोकेल्सिनोसिस (कैल्शियम जमना) और किडनी फेलियर हो सकता है।
दिल पर असर: ज्यादा विटामिन D से हार्ट रेट अनियमित हो जाता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
सावधानी कैसे बरतें?
विटामिन D की खुराक हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही लें।
नियमित रूप से ब्लड टेस्ट कराएं ताकि शरीर में इसकी कमी या अधिकता का पता चल सके।
संतुलित डाइट और सूरज की रोशनी से भी इसकी प्राकृतिक मात्रा प्राप्त की जा सकती है।
विटामिन D सेहत के लिए जरूरी है, लेकिन इसका ओवरडोज खतरनाक साबित हो सकता है। सही मात्रा और डॉक्टर की देखरेख में इसका सेवन करना ही सुरक्षित विकल्प है।