द लोकतंत्र: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे शरीर के साथ दिमाग पर भी असर दिखने लगता है। खासकर 40 की उम्र के बाद कॉग्नेटिव फंक्शन (Cognitive Function) यानी याददाश्त, सोचने की क्षमता और निर्णय लेने की शक्ति धीरे-धीरे कम होने लगती है। ऐसे में अगर डाइट (Diet) का सही ख्याल रखा जाए तो दिमाग को लंबे समय तक तेज और स्वस्थ रखा जा सकता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि कुछ Brain Health Foods न केवल दिमाग को ऊर्जा देते हैं बल्कि न्यूरॉन्स को सुरक्षित रखते हैं और न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों (जैसे डिमेंशिया, अल्जाइमर) के जोखिम को भी कम करते हैं।
यहाँ हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं वो 10 सुपरफूड्स जिन्हें 40 की उम्र के बाद डाइट में ज़रूर शामिल करना चाहिए।
फैटी फिश: सैल्मन, मैकेरल जैसी फैटी फिश ओमेगा-3 फैटी एसिड (DHA और EPA) का बेहतरीन स्रोत हैं। ये ब्रेन सेल्स को मजबूत बनाते हैं और याददाश्त में सुधार करते हैं।
अखरोट: अखरोट विटामिन E और पॉलीफेनोल्स से भरपूर होते हैं। रोजाना थोड़ी मात्रा में खाने से दिमागी क्षमता और मेमोरी दोनों बेहतर होती हैं।
ब्लूबेरी: ब्लूबेरी में मौजूद एंथोसायनिन ब्रेन सेल्स के बीच संचार को बेहतर बनाते हैं और बढ़ती उम्र में दिमागी कमजोरी को धीमा करते हैं।
गहरे हरे पत्तेदार सब्जियां: पालक, मेथी, केल जैसी सब्जियां विटामिन K और फोलेट का अच्छा स्रोत हैं। ये न्यूरॉन्स को सुरक्षा देते हैं और ब्रेन फ्लो को बढ़ाते हैं।
अंडे: अंडे में मौजूद कोलीन याददाश्त को बेहतर करता है। हफ्ते में 3-4 बार अंडे खाना ब्रेन हेल्थ के लिए फायदेमंद है।
हल्दी: हल्दी का करक्यूमिन यौगिक दिमाग में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है और मूड को बेहतर बनाता है।
कद्दू के बीज: मैग्नीशियम, जिंक और आयरन से भरपूर कद्दू के बीज ब्रेन फॉग और मेमोरी प्रॉब्लम्स को दूर करने में सहायक हैं।
ग्रीन टी: ग्रीन टी का एल-थीनाइन दिमाग को रिलैक्स करता है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ाता है।
एवोकाडो: एवोकाडो में मौजूद हेल्दी फैट ब्रेन तक पर्याप्त ब्लड फ्लो पहुंचाता है, जिससे दिमाग को पोषण मिलता है।
ब्रोकली: ब्रोकली विटामिन K और एंटीऑक्सीडेंट का बेहतरीन स्रोत है, जो मेमोरी लॉस को धीमा करने में मदद करता है।
अगर आप 40 की उम्र के आस-पास हैं या आपके परिवार में कोई इस उम्र को पार कर चुका है, तो डाइट में इन सुपरफूड्स को शामिल करना बेहद जरूरी है। ये न केवल दिमाग को सक्रिय रखते हैं बल्कि उम्र के साथ आने वाली संज्ञानात्मक गिरावट को भी काफी हद तक रोक सकते हैं।