द लोकतंत्र: उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक ने अपने उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है। रेड्डी ने मंगलवार को नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सपा नेता रामगोपाल यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत समेत कई विपक्षी दलों के दिग्गज नेता मौजूद रहे।
सुदर्शन रेड्डी ने दाखिल किया नामांकन
सूत्रों के मुताबिक सुदर्शन रेड्डी ने चार सेट में नामांकन दाखिल किया, जिसमें प्रत्येक सेट में 20 प्रस्तावक और 20 समर्थक शामिल रहे। नामांकन से पहले रेड्डी ने स्वतंत्रता सेनानियों और देश के महान नेताओं को श्रद्धांजलि दी।
वहीं, एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन ने इससे एक दिन पहले ही नामांकन दाखिल कर दिया था। ऐसे में उपराष्ट्रपति चुनाव में अब मुकाबला सीधे NDA बनाम INDIA ब्लॉक के बीच होगा।
नंबर गेम में विपक्ष कमजोर, लेकिन चुनौती पेश करने की कोशिश
संख्याबल की दृष्टि से एनडीए मजबूत स्थिति में है। फिर भी विपक्ष ने मुकाबले को दिलचस्प बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भले ही INDIA ब्लॉक के पास पर्याप्त संख्या न हो, लेकिन यह चुनाव विपक्ष की एकजुटता और रणनीतिक एकता का संदेश देने के लिहाज से अहम है।
“दक्षिण बनाम दक्षिण” की तस्वीर
दिलचस्प पहलू यह है कि इस बार एनडीए और विपक्ष – दोनों ने ही अपने उम्मीदवार दक्षिण भारत से चुने हैं। जहां सी.पी. राधाकृष्णन तमिलनाडु से आते हैं, वहीं सुदर्शन रेड्डी का संबंध आंध्र प्रदेश से है। इससे यह चुनाव “दक्षिण बनाम दक्षिण” की जंग के रूप में देखा जा रहा है।
नामांकन का कार्यक्रम
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स (X) पर नामांकन प्रक्रिया का कार्यक्रम साझा किया। जानकारी के मुताबिक, विपक्षी INDIA गठबंधन के तमाम नेता सुबह 11 बजे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में एकत्र हुए। इसके बाद सभी नेता सामूहिक रूप से राज्यसभा महासचिव और इस चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर पी.सी. मोदी के कार्यालय पहुंचे और नामांकन दाखिल किया।
हालांकि उपराष्ट्रपति चुनाव में परिणाम लगभग तय माना जा रहा है, लेकिन INDIA ब्लॉक ने सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाकर एक मजबूत संदेश देने की कोशिश की है। यह मुकाबला न सिर्फ राजनीतिक समीकरणों को दर्शाता है बल्कि दक्षिण भारत के महत्व को भी रेखांकित करता है।