द लोकतंत्र: आजकल फिटनेस की दुनिया में इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) तेजी से ट्रेंड बन चुकी है। वजन कम करने, ब्लड शुगर को कंट्रोल करने और मेटाबोलिक हेल्थ सुधारने के लिए लोग इस डाइट पैटर्न को अपनाने लगे हैं। इनमें सबसे ज्यादा लोकप्रिय है 16:8 फास्टिंग पैटर्न, जिसमें लोग दिन के सिर्फ 8 घंटे खाना खाते हैं और बाकी 16 घंटे उपवास करते हैं।
हालांकि, हाल ही में सामने आई एक रिसर्च ने इस ट्रेंड पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। Diabetes & Metabolic Syndrome जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, लंबे समय तक 16:8 इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है और यह कार्डियोवैस्कुलर मौत तक का जोखिम दोगुना कर सकता है।
रिसर्च ने किया आगाह
अध्ययन के अनुसार, जो लोग लंबे समय तक इस पैटर्न को फॉलो करते हैं, उनमें हार्ट अटैक और स्ट्रोक का रिस्क ज्यादा पाया गया। खासतौर पर उन मरीजों में जिनको पहले से ही डायबिटीज़ या हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या थी। रिसर्चर्स का कहना है कि यह फायदा कम समय (12 से 16 हफ्ते तक) तो दिखाता है, लेकिन इसे लंबे समय तक अपनाना खतरनाक हो सकता है।
क्या है असली वजह?
वैज्ञानिकों का मानना है कि 16 घंटे फास्टिंग के बाद कई लोग 8 घंटे की खाने की विंडो में ज्यादा कैलोरी और अनहेल्दी फूड खा लेते हैं। कई बार भूख मिटाने के लिए जंक फूड और हाई-कार्ब डाइट का सेवन बढ़ जाता है। इसके अलावा लगातार भूखे रहने से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन एक्टिव हो जाते हैं, जो ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को अस्थिर कर देते हैं। यही आगे चलकर हार्ट डिज़ीज़ का कारण बन सकता है।
सुरक्षित रहने के लिए क्या करें?
डॉक्टर से सलाह लें – दिल या शुगर के मरीज बिना एक्सपर्ट से पूछे फास्टिंग शुरू न करें।
क्वालिटी डाइट चुनें – खाने में हरी सब्ज़ियां, फल, साबुत अनाज और प्रोटीन शामिल करें।
शॉर्ट-टर्म अपनाएं – फास्टिंग को लंबे समय तक न अपनाएं, इसे सिर्फ अस्थायी टूल की तरह इस्तेमाल करें।
शरीर की सुनें – अगर चक्कर, थकान या अनियमित धड़कन महसूस हो तो तुरंत फास्टिंग रोक दें।
इंटरमिटेंट फास्टिंग (16:8) वजन घटाने और मेटाबोलिक हेल्थ सुधारने में मददगार हो सकती है, लेकिन इसे लंबे समय तक अपनाना दिल के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अगर आप इसे आजमाना चाहते हैं, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें और संतुलित डाइट का पालन करें।