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Political Funding Scam: गुजरात की अनाम पार्टियों को मिला 4300 करोड़ का चंदा, राहुल गांधी ने साधा चुनाव आयोग पर निशाना

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द लोकतंत्र: देश की राजनीति में चंदे को लेकर समय-समय पर विवाद होते रहे हैं। ताजा मामला गुजरात से जुड़ा है, जहां दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि राज्य की 10 गुमनाम राजनीतिक पार्टियों को पिछले 5 साल में करीब 4300 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। इन पार्टियों के नाम बहुत कम लोगों ने सुने हैं और इनमें से ज्यादातर ने कभी-कभार ही चुनाव लड़ा है। इस चौंकाने वाले खुलासे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर करारा हमला बोला है।

राहुल गांधी का तंज: “कौन चला रहा है ये पार्टियां?”

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा, “गुजरात में कुछ ऐसी अनाम पार्टियां हैं जिनका नाम किसी ने नहीं सुना – लेकिन 4300 करोड़ का चंदा मिला है। इन पार्टियों ने बहुत कम मौकों पर चुनाव लड़ा या खर्च किया है। ये हजारों करोड़ आए कहां से? चला कौन रहा है इन्हें? और पैसा गया कहां?”

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अब चुनाव आयोग इस पर जांच करेगा या फिर कानून में बदलाव करके इस डेटा को भी छुपा दिया जाएगा?

चुनाव आयोग के पाले में गेंद

राहुल गांधी लंबे समय से चुनाव आयोग पर सवाल उठाते रहे हैं। वे कई बार आरोप लगा चुके हैं कि आयोग निष्पक्ष रूप से काम करने के बजाय बीजेपी को फायदा पहुंचा रहा है। अब गुजरात के इस फंडिंग मामले में भी उन्होंने आयोग पर सीधा सवाल दागा है।

पहले भी लगा चुके “वोट चोरी” का आरोप

राहुल गांधी इस समय वोटर अधिकार यात्रा निकाल रहे हैं और लगातार चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने यह भी कहा था कि आयोग पर भरोसा नहीं किया जा सकता और उस पर “वोट चोरी” कराने का आरोप लगाया था।

10 पार्टियों को सिर्फ 54,000 वोट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन 10 राजनीतिक दलों को 23 लोगों से चंदा मिला। इन दलों ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी भी उतारे थे, लेकिन सभी चुनावों को मिलाकर इन्हें मात्र 54,069 वोट ही हासिल हुए। इसके बावजूद इतनी बड़ी रकम का चंदा मिलना कई सवाल खड़े कर रहा है।

बड़ा सवाल: जांच होगी या नहीं?

अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग इस मामले पर कोई ठोस कदम उठाता है या नहीं। राहुल गांधी समेत विपक्षी दलों का कहना है कि जब छोटे-छोटे नियम तोड़ने पर कार्रवाई की जाती है, तो ऐसे बड़े वित्तीय मामले में भी कार्रवाई होनी चाहिए।

Team The Loktantra

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