द लोकतंत्र: यौन उत्पीड़न मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे स्वयंभू संत आसाराम को राजस्थान हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत बढ़ाने की याचिका खारिज कर दी है। अहमदाबाद के सिविल अस्पताल से आई मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने कहा कि फिलहाल उनकी तबीयत जेल में रहने लायक है। हाई कोर्ट ने साफ निर्देश दिया है कि आसाराम को 30 अगस्त तक जोधपुर सेंट्रल जेल में सरेंडर करना होगा।
कोर्ट का आदेश: मेडिकल रिपोर्ट में ‘फिट’ बताए गए आसाराम
राजस्थान हाई कोर्ट की डबल बेंच (जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर) ने यह आदेश सुनाया। अदालत ने कहा कि सरकारी अस्पताल के तीन डॉक्टरों की टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि आसाराम की हालत सामान्य है और उन्हें किसी गंभीर बीमारी का सामना नहीं करना पड़ रहा। इस आधार पर कोर्ट ने राहत देने से इनकार किया।
पिछली सुनवाई में मिली थी राहत
बता दें कि आसाराम ने 12 अगस्त को भी जमानत याचिका दायर की थी। उस समय अदालत ने मेडिकल रिपोर्ट को देखते हुए उनकी अंतरिम जमानत को 29 अगस्त तक बढ़ा दिया था। हालांकि, इस बार कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि अब वे जेल में ही सजा काटेंगे।
सरेंडर की समयसीमा तय
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आसाराम को किसी भी हालत में 30 अगस्त तक सरेंडर करना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो यह आदेश कानूनी कार्रवाई का रास्ता खोल सकता है।
अगला कदम क्या हो सकता है?
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में आसाराम की तबीयत बिगड़ती है और नई मेडिकल रिपोर्ट में गंभीर स्वास्थ्य समस्या सामने आती है, तो वे दोबारा जमानत की अर्जी लगा सकते हैं। हालांकि, फिलहाल उनकी स्थिति सामान्य मानी गई है।
यह फैसला आसाराम और उनके समर्थकों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि वे पहले से ही यौन शोषण के गंभीर मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। अब उन्हें तय समयसीमा के भीतर जेल लौटना ही होगा।