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Baba Ramdev on Aniruddhacharya Controversy: सनातन धर्म के नाम पर ‘बकवास’ बंद हो – बाबा रामदेव

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द लोकतंत्र: उत्तर प्रदेश में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य द्वारा दिए गए विवादित बयान को लेकर देशभर में बहस जारी है। इसी बीच योगगुरु बाबा रामदेव ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का गुरु या संन्यासी वही कहलाने योग्य है, जिसने देश की सेवा की हो और समाज के उत्थान में योगदान दिया हो।

सनातन धर्म का असली स्वरूप

बाबा रामदेव ने बुधवार (27 अगस्त 2025) को एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि सनातन धर्म का गुरु वही है, जिसने इंडस्ट्री, शिक्षा, स्वास्थ्य और राष्ट्रनिर्माण में योगदान दिया हो। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “भारत को भारत बनाने में उनका क्या योगदान है? जो योगदान नहीं करते, वे कुछ भी कहकर खुद को गुरु कहला रहे हैं। ऐसे लोगों को गुरु कहना बंद करना चाहिए।”

प्रवचन और प्रवंचना पर टिप्पणी

बाबा रामदेव ने प्रवचन देने वालों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आजकल सनातन धर्म में कई लोग प्रवचन के नाम पर सिर्फ ‘प्रवंचना’ कर रहे हैं। उन्होंने एक शास्त्र का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि प्रवचन में न तथ्य है, न विज्ञान और न ही सच्चाई, तो ऐसी बातें लोगों को भ्रमित करती हैं।

महिलाओं पर टिप्पणी पर कड़ा जवाब

अनिरुद्धाचार्य द्वारा लड़कियों के चरित्र पर की गई टिप्पणी पर बाबा रामदेव ने कहा, “आचरण महिला हो या पुरुष, सबमें होना चाहिए। परिवार और समाज अच्छे आचरण से ही चलते हैं। किसी वर्ग को टारगेट कर ओछी बात करना खुद में ओछापन है। कोई सभ्य व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता।”

उन्होंने यह भी कहा कि जिनके नाम के आगे सद्गुरु या शंकराचार्य जैसे शब्द जुड़े हैं, उन्हें किसी भी व्यक्ति के बारे में घटिया बातें करने से बचना चाहिए। सनातन धर्म को मजबूत बनाने के लिए सभी को सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए।

बाबा रामदेव ने स्पष्ट संदेश दिया कि सनातन धर्म को लेकर ओछे बयान देना किसी भी कथावाचक या गुरु को शोभा नहीं देता। उन्होंने समाज को आह्वान किया कि धर्म की आड़ में भटकाने के बजाय देश की प्रगति और संस्कारों को मजबूत करने की दिशा में काम किया जाए।

Team The Loktantra

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लोकतंत्र की मूल भावना के अनुरूप यह ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां स्वतंत्र विचारों की प्रधानता होगी। द लोकतंत्र के लिए 'पत्रकारिता' शब्द का मतलब बिलकुल अलग है। हम इसे 'प्रोफेशन' के तौर पर नहीं देखते बल्कि हमारे लिए यह समाज के प्रति जिम्मेदारी और जवाबदेही से पूर्ण एक 'आंदोलन' है।

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