द लोकतंत्र : बॉलीवुड एक्ट्रेस सनी लियोनी (Sunny Leone) ने हाल ही में अपनी मदरहुड जर्नी को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सनी और उनके पति डेनियल वेबर तीन बच्चों के माता-पिता हैं – बेटी निशा कौर वेबर, और जुड़वां बेटे अशर व नोआ। जहां निशा को उन्होंने गोद लिया था, वहीं जुड़वां बेटे सरोगेसी के जरिए हुए।
IVF और सरोगेसी का अनुभव
सोहा अली खान के पॉडकास्ट पर सनी ने बताया कि उन्होंने बच्चों के लिए IVF और सरोगेसी का सहारा लिया था। उन्होंने कहा कि शुरू से ही प्लान सरोगेसी का था, लेकिन चीजें उनके मुताबिक नहीं हो पाईं। IVF प्रक्रिया के दौरान उन्होंने अपने अंडों से भ्रूण बनवाए, जिनमें से चार लड़कियां और दो लड़के थे।
सनी के मुताबिक, उन्होंने हमेशा सोचा था कि उनकी पहली संतान बेटी होगी, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। IVF के दौरान उन्होंने अपनी चार बेटियों को खो दिया। यह समय उनके लिए बेहद भावनात्मक और मुश्किल भरा था।
सनी ने बताया कि यह अनुभव बहुत कठिन था क्योंकि जैसे ही भ्रूण अंदर जाता है, महिला मनोवैज्ञानिक रूप से खुद को गर्भवती महसूस करने लगती है। परिवार बच्चे के कमरे तक की योजना बनाने लगता है, लेकिन जब अचानक थैली खाली निकलती है, तो गहरा आघात पहुंचता है। ऐसा अनुभव उन्हें एक ही डॉक्टर के साथ दो बार हुआ, जिसके बाद उन्होंने डॉक्टर बदलने का फैसला किया।
गोद लेने का भी लिया सहारा
IVF और सरोगेसी की असफल कोशिशों के बीच सनी और डेनियल ने गोद लेने का फैसला भी किया। इसी प्रक्रिया के तहत उन्हें बेटी निशा मिली, जिसने उनके जीवन में खुशियां भर दीं। बाद में डॉक्टर बदलने के बाद उनके जुड़वां बेटे अशर और नोआ का जन्म सरोगेसी से हुआ।
डेनियल का मिला भावनात्मक सहारा
सनी ने यह भी बताया कि इस कठिन दौर में उनके पति डेनियल वेबर हमेशा उनके साथ खड़े रहे। दोनों ने मिलकर इस दर्द को झेला और एक-दूसरे को भावनात्मक सहारा दिया। सनी का कहना है कि उन्होंने इस बारे में पहले किसी से बात नहीं की क्योंकि वे दोनों पहले खुद इसे समझना और जीना चाहते थे।
सनी लियोनी की यह जर्नी बताती है कि IVF और सरोगेसी जैसी प्रक्रियाएं आसान नहीं होतीं। यह भावनात्मक और मानसिक रूप से थका देने वाली होती हैं। लेकिन मजबूत इच्छाशक्ति और परिवार के समर्थन से इंसान किसी भी कठिनाई को पार कर सकता है।