द लोकतंत्र: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे पाटिल का आज अनशन का पांचवां दिन रहा। इस बीच, बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को आदेश दिया था कि आजाद मैदान को 3 बजे तक खाली कराया जाए। आदेश का पालन कराने के लिए मंगलवार को बड़ी संख्या में पुलिस बल मैदान पर पहुंचा।
पुलिस और समर्थकों में बहस
जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की तो जरांगे समर्थकों और पुलिस के बीच तीखी बहस हो गई। हालांकि, मौके पर मौजूद नेताओं ने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि किसी तरह का हंगामा न किया जाए और कानून-व्यवस्था बनी रहे।
मंत्रियों का डेलिगेशन पहुंचा
इसी बीच, महाराष्ट्र सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल भी आजाद मैदान पहुंचा। इसमें राधाकृष्ण विखे पाटिल, शिवेंद्र राजे भोंसले, जय कुमार गोरे और माणिकराव कोकाटे शामिल रहे। ये चारों कैबिनेट मंत्री जरांगे से चर्चा करने पहुंचे और सरकार की ओर से आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया।
मनोज जरांगे ने कहा – “हम जीत गए”
मंत्रियों से बातचीत के दौरान जरांगे पाटिल ने अपने समर्थकों से कहा, “हम जीत गए हैं।” उन्होंने कहा कि यदि सरकार मराठा समुदाय को कुनबी जाति का हिस्सा बताते हुए सरकारी आदेश (जीआर) जारी कर देती है तो वे आज रात नौ बजे तक मुंबई छोड़ देंगे। हालांकि, उन्होंने सरकार को यह आदेश जारी करने के लिए दो महीने का अल्टीमेटम दिया।
आंदोलनकारियों पर दर्ज केस होंगे वापस
जरांगे ने दावा किया कि सरकार ने आंदोलनकारियों पर दर्ज मामलों को वापस लेने का वादा किया है। इसके साथ ही आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों के परिवारों को आर्थिक सहायता और नौकरी देने की घोषणा भी की गई है।
गैजेट को लेकर आश्वासन
मंत्री शिवेंद्र राजे भोंसले ने कहा कि सरकार सतारा गैजेट लागू करेगी, जिसमें मराठा समाज को कुनबी के रूप में संबोधित किया गया है। वहीं, राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि हैदराबाद गैजेटियर को भी कानूनी मान्यता देने की दिशा में काम होगा। जरांगे ने सरकार को इन आदेशों को मंत्रिमंडल की बैठक में पारित करने की मांग रखी।
हाईकोर्ट का कड़ा रुख
हाईकोर्ट ने साफ कहा कि आजाद मैदान को तुरंत खाली कराना होगा और आदेश का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अदालत ने आंदोलनकारियों और सरकार दोनों से कानून व्यवस्था बनाए रखने को कहा है।
जरांगे की चेतावनी
जरांगे ने कहा कि यदि उन्हें जबरन गिरफ्तार करने या मुंबई से हटाने की कोशिश हुई तो इसके परिणाम खतरनाक होंगे। हालांकि, उन्होंने समर्थकों से अपील की कि वे किसी तरह का हंगामा न करें और आम जनता को असुविधा न पहुंचे।