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Chandra Grahan 2025: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण और दोष से मुक्ति के उपाय

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द लोकतंत्र: आज रात साल का आखिरी चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2025) लगने जा रहा है। यह ग्रहण रात 09:58 बजे से शुरू होकर देर रात यानी 08 सितंबर 2025 को सुबह 01:26 बजे तक रहेगा। हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है। यही कारण है कि धर्मशास्त्रों में न केवल चंद्र ग्रहण को देखने की मनाही बताई गई है, बल्कि इस दौरान किसी भी प्रकार के धार्मिक कार्य, भोजन, शुभ कार्य और यात्रा से परहेज करने की सलाह दी जाती है।

कब और कैसे लगता है चंद्र ग्रहण दोष

ज्योतिष के अनुसार जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तो चंद्रमा आंशिक या पूर्ण रूप से ढक जाता है। इसे ही चंद्र ग्रहण कहा जाता है। मान्यता है कि ग्रहण को देखने से व्यक्ति पर ग्रहण दोष लग सकता है। यह दोष कई बार व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति के कारण भी बनता है। चंद्र दोष के कारण जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं, जैसे मानसिक अशांति, करियर में बाधा और पारिवारिक कलह।

जब गलती से दिख जाए चंद्र ग्रहण

अगर किसी कारणवश आपकी नजर चंद्र ग्रहण पर पड़ जाए तो ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार राहु-केतु के मंत्रों का जप करना चाहिए। मंत्र हैं:

  • ॐ रां राहवे नमः
  • ॐ कें केतवे नमः

कम से कम एक माला जप करने से दोष का निवारण माना जाता है।

चंद्र दोष से मुक्ति के उपाय

  1. चंद्र मंत्र जप: ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्रमसे नम:’ या ‘ॐ सों सोमाय नम:’ का जप रुद्राक्ष की माला से करें।
  2. शिव साधना: भगवान शिव की पूजा करें, महामृत्युंजय मंत्र का जप करें और खीर का भोग अर्पित करें।
  3. दान का महत्व: ग्रहण समाप्ति के बाद राहु, केतु और चंद्रमा से संबंधित वस्तुओं का दान करें। जैसे सफेद कपड़ा, चावल, चांदी या दूध।

महत्वपूर्ण मान्यता

यदि आपने अनजाने में चंद्र ग्रहण देखा है तो इन उपायों से दोष दूर हो सकता है। लेकिन यदि आपने जानबूझकर ग्रहण को देखने की कोशिश की है तो इसका प्रायश्चित संभव नहीं है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को चंद्र दोष का फल भोगना पड़ता है।

हिंदू मान्यताओं के अनुसार इन उपायों को श्रद्धा और विश्वास से करने पर व्यक्ति ग्रहण दोष से मुक्त होकर सकारात्मक जीवन की ओर बढ़ सकता है।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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