द लोकतंत्र: असम के उदलगुरी जिले में रविवार, 14 सितम्बर 2025 की शाम को धरती अचानक हिल उठी। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, शाम 4 बजकर 41 मिनट पर आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.8 मापी गई। इसका केंद्र जमीन से लगभग 5 किलोमीटर की गहराई में स्थित था। झटके इतने तेज थे कि लोग अपने घरों, दुकानों और दफ्तरों से बाहर निकलकर खुले स्थानों में आ गए।
एनसीएस की प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया कि भूकंप का असर न केवल उदलगुरी, बल्कि आसपास के कई जिलों में महसूस किया गया। झटकों की तीव्रता इतनी थी कि पश्चिम बंगाल और भूटान के कुछ हिस्सों तक धरती हिलने की खबरें आईं। गनीमत यह रही कि अब तक किसी भी प्रकार की जनहानि या बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि झटके कुछ सेकंड तक जारी रहे। ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग अचानक सीढ़ियों से नीचे उतरकर सड़कों पर आ गए। एक निवासी ने कहा, “ऐसा लगा मानो जमीन फट जाएगी। कुछ पलों के लिए सब कुछ थम सा गया, फिर धीरे-धीरे सामान्य हुआ।”
भूकंप के कारण वाहनों की आवाजाही भी क्षणिक रूप से थम गई। कई लोग अपने मोबाइल फोन से झटकों के वीडियो बनाते दिखे। बाद में राहत की सांस लेते हुए उन्होंने कहा कि प्रकृति की शक्ति के आगे इंसान कितना छोटा है, यह एक बार फिर महसूस हुआ।
जिला प्रशासन ने तुरंत आपदा प्रबंधन दलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि वे लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं। नागरिकों से अपील की गई है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और जरूरत पड़ने पर आपदा हेल्पलाइन से संपर्क करें।
विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि ऐसे समय में भूकंप सुरक्षा नियमों का पालन जरूरी है, जैसे कि भारी फर्नीचर को दीवार से कसकर लगाना, निकासी मार्ग साफ रखना और आपात स्थिति में सुरक्षित स्थान पर शरण लेना।