द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियां लगातार सतर्क हैं। शनिवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास पाकिस्तानी ड्रोन की गतिविधि देखी गई, जबकि उधमपुर जिले के डुडु-बसंतगढ़ इलाके में आतंकियों के खिलाफ मुठभेड़ दूसरे दिन भी जारी रही। इस दौरान सेना के लांस दफादार बलदेव चंद ने देश की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया।
आरएसपुरा सेक्टर में पाकिस्तानी ड्रोन की हलचल
अधिकारियों के अनुसार, शनिवार शाम करीब सात बजे आरएसपुरा सेक्टर के जजोवाल गांव के पास भारतीय क्षेत्र में एक पाकिस्तानी ड्रोन को उड़ते देखा गया। सूचना मिलते ही सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान सक्रिय हो गए और बॉर्डर आउटपोस्ट चकरोई और जुगनूचक के इलाकों में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया।
सुरक्षा कारणों से जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में जिला प्रशासन ने ड्रोन, यूएवी और अन्य हवाई उपकरणों की उड़ान पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे पहले 16 सितंबर को भी बीएसएफ ने सीमा पार से संदिग्ध गतिविधि देखने के बाद तलाशी अभियान चलाया था, जिसमें बाड़ के पास से AK-47 राइफल और एक मैगजीन बरामद हुई थी।
उधमपुर में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन
उधमपुर जिले के दुर्गम डुडु-बसंतगढ़ क्षेत्र के सेओज धार जंगल में सेना और पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) का आतंकियों के साथ भीषण मुठभेड़ शनिवार को भी जारी रहा। शुक्रवार रात 8 बजे शुरू हुई इस मुठभेड़ में सेना के लांस दफादार बलदेव चंद गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें तुरंत चिकित्सा सुविधा दी गई, लेकिन उन्होंने शनिवार को वीरगति प्राप्त की। बलदेव चंद 4 राष्ट्रीय राइफल्स में लांस दफादार के पद पर तैनात थे। शहीद का पार्थिव शरीर सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव भेज दिया गया।
इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, इलाके में दो से तीन पाकिस्तानी आतंकवादी छिपे हो सकते हैं। उन्हें भागने से रोकने के लिए सुरक्षाबलों ने रात से ही पूरे इलाके की घेराबंदी कर रखी है। अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं, जबकि हवाई निगरानी के लिए हेलीकॉप्टर और ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। उधमपुर और डोडा दोनों ओर से सुरक्षाबल खोजी कुत्तों और आधुनिक उपकरणों के साथ तलाशी अभियान चला रहे हैं।