द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : लद्दाख के चर्चित शिक्षा सुधारक और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने उनके संस्थान हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ आल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) के खिलाफ विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) उल्लंघन को लेकर जांच शुरू की है। हाल ही में लद्दाख में हुई हिंसा के बाद गृह मंत्रालय पहले ही वांगचुक को जिम्मेदार ठहरा चुका है। ऐसे में यह जांच और भी राजनीतिक रंग लेने लगी है।
CBI की जांच पर वांगचुक का बयान
न्यूज़ एजेंसी PTI से बातचीत में सोनम वांगचुक ने खुद इस जांच की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि करीब 10 दिन पहले CBI की टीम उनके संस्थान पहुंची थी। एजेंसी ने गृह मंत्रालय की शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई की है। आरोप है कि संस्थान ने बिना FCRA अनुमति के विदेशी फंडिंग प्राप्त की। हालांकि, अभी तक इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।
वांगचुक ने सफाई देते हुए कहा, हम विदेशी फंड पर निर्भर नहीं रहते। हम अपना ज्ञान और सेवाएं निर्यात करके राजस्व जुटाते हैं। तीन अंतरराष्ट्रीय समझौतों को गलती से विदेशी योगदान मान लिया गया, जबकि ये सेवा समझौते थे जिन पर सरकार को टैक्स भी चुकाया गया था। उन्होंने बताया कि ये समझौते संयुक्त राष्ट्र, एक स्विस विश्वविद्यालय और एक इटैलियन संगठन से जुड़े थे।
HIAL और SECMOL से दस्तावेज़ मांगे गए
CBI टीम ने HIAL और वांगचुक द्वारा स्थापित SECMOL (Students’ Educational and Cultural Movement of Ladakh) से 2022 से 2024 तक की फंडिंग से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं। वांगचुक का आरोप है कि जांच अधिकारी 2020 और 2021 के खातों के साथ-साथ संस्थान से जुड़े स्कूलों के कागजात भी मांग रहे हैं।
उन्होंने बताया कि ये स्कूल आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराते हैं और HIAL में छात्र विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर काम करने के बदले स्कॉलरशिप पाते हैं। वांगचुक का कहना है कि यह पूरी कार्रवाई एक “दबाव की रणनीति” का हिस्सा है।
पहले भी विवादों में रहे हैं सोनम वांगचुक
वांगचुक ने आरोप लगाया कि उन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। पहले मुझ पर राजद्रोह का केस दर्ज किया गया, फिर HIAL को आवंटित जमीन वापस लेने का आदेश दिया गया। अब CBI और आयकर विभाग की जांच शुरू कर दी गई है। लद्दाख में टैक्स नहीं लगता, इसके बावजूद मैं स्वेच्छा से टैक्स देता हूं, फिर भी नोटिस आ रहे हैं।
लद्दाख हिंसा और गृह मंत्रालय का आरोप
हाल ही में सोनम वांगचुक ने लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर 10 सितंबर से भूख हड़ताल शुरू की थी। इसी दौरान 24 सितंबर को क्षेत्र में हिंसक प्रदर्शन भड़क गया। गुस्साई भीड़ ने भाजपा मुख्यालय, हिल काउंसिल कार्यालय और कई वाहनों में आग लगा दी। झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 पुलिसकर्मियों समेत 80 से ज्यादा लोग घायल हुए।
गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि हिंसा सोनम वांगचुक के भड़काऊ बयानों की वजह से हुई। मंत्रालय ने आरोप लगाया कि उन्होंने भीड़ को उकसाया और हिंसा फैलने के बाद अपना उपवास तोड़कर बिना किसी व्यापक शांति प्रयास के एम्बुलेंस से गांव लौट गए।