द लोकतंत्र : नवरात्रि के पावन अवसर पर घर में झाड़ू बदलने की प्राचीन परंपरा सिर्फ एक घरेलू काम नहीं है, बल्कि यह घर में सकारात्मक ऊर्जा और मां लक्ष्मी की कृपा लाने का एक शक्तिशाली तरीका भी माना जाता है। वास्तु विशेषज्ञ और धार्मिक विद्वान बताते हैं कि नवरात्रि के दौरान झाड़ू बदलने से घर में समृद्धि, सुख-शांति और स्वास्थ्य बढ़ता है।
घर की सफाई का न सिर्फ भौतिक महत्व है, बल्कि यह घर में ऊर्जा के प्रवाह को भी प्रभावित करती है। पुरानी झाड़ू में नकारात्मक ऊर्जा जमा हो जाती है। इसलिए इसे आदरपूर्वक हटाकर नई झाड़ू लाना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में खुशहाली और सकारात्मक माहौल बनता है।
झाड़ू बदलने का सही समय भी महत्वपूर्ण माना जाता है। शनिवार और अमावस्या के दिन झाड़ू बदलना अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक दृष्टि से नवरात्रि और दीपावली जैसे त्योहारों के दौरान झाड़ू बदलना सबसे उत्तम उपाय है। विशेष रूप से नवरात्रि के पवित्र दिनों में झाड़ू बदलने से घर में मां लक्ष्मी का स्थायी वास होता है।
साथ ही, झाड़ू बदलने का समय शाम में रखना चाहिए। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है और घर के सदस्य मानसिक रूप से भी शांत और सुखी रहते हैं। व्यावहारिक दृष्टि से, जैसे ही झाड़ू टूटने या घिसने लगे, उसे तुरंत बदल देना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, झाड़ू के ब्रश से घर में जमा नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलती है और नई झाड़ू घर में सकारात्मक शुरुआत लाती है। इस प्रक्रिया के दौरान “ॐ महालक्ष्म्यै नम:” मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है। मंत्र और ध्यान के साथ झाड़ू बदलने से घर में समृद्धि और स्वास्थ्य बढ़ता है।
पुरानी झाड़ू के साथ जुड़ी नकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर जाती है और नई झाड़ू घर में खुशहाली, नौकरी और धन के अवसर लाती है। इस नवरात्रि, पूजा और व्रत के साथ झाड़ू बदलने की परंपरा अपनाकर आप घर में मां लक्ष्मी की कृपा और सकारात्मक ऊर्जा का स्वागत कर सकते हैं।