द लोकतंत्र/ पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार और गायक पवन सिंह ने राजनीति में कदम बढ़ा दिया है। मंगलवार (30 सितंबर) को सुबह 10 बजे उन्होंने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की। सूत्रों की मानें तो पवन सिंह ने आरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है और इसके लिए वे एनडीए का टिकट चाहते हैं।
आरा सीट पर पवन सिंह की दावेदारी
बिहार के भोजपुर जिले की आरा विधानसभा सीट लंबे समय से राजनीतिक रूप से चर्चित रही है। पिछले 25 वर्षों में से 20 साल तक इस सीट पर बीजेपी का दबदबा रहा है। अमरेंद्र प्रताप सिंह ने यहां लगातार जीत दर्ज की और 2020 तक पांच बार विधायक बने। ऐसे में अब जब पवन सिंह इस सीट से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं, तो मुकाबला बेहद रोमांचक हो जाएगा। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर पवन सिंह एनडीए प्रत्याशी बने तो यह सीट राज्यभर में सबसे हाई-प्रोफाइल मुकाबलों में गिनी जाएगी।
भोजपुर इलाके में पवन सिंह की लोकप्रियता
भोजपुरी फिल्मों और गायकी के जरिए पवन सिंह ने बिहार ही नहीं बल्कि देशभर में अपनी पहचान बनाई है। उनके सुपरहिट गाने और फिल्मों ने भोजपुर इलाके में उनकी लोकप्रियता को चरम पर पहुंचाया है। यही कारण है कि राजनीति में उनकी एंट्री मतदाताओं पर बड़ा असर डाल सकती है। खासतौर पर युवा वर्ग और वे लोग जो मनोरंजन जगत से जुड़ाव महसूस करते हैं, पवन सिंह के समर्थन में खड़े हो सकते हैं।
एनडीए को मिल सकता है बड़ा फायदा
पवन सिंह लंबे समय से एनडीए समर्थक माने जाते हैं। वे कई बार बीजेपी और सहयोगी दलों के कार्यक्रमों में शामिल भी हुए हैं। यदि उन्हें आरा से एनडीए का टिकट मिलता है तो गठबंधन को बड़ा चुनावी लाभ हो सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी इस सीट पर स्टार पावर का इस्तेमाल कर विपक्ष को कड़ी टक्कर देने की रणनीति बना सकती है।
भोजपुरी स्टार्स और राजनीति का पुराना रिश्ता
यह पहली बार नहीं होगा जब भोजपुरी सिनेमा के कलाकार राजनीति में कदम रखेंगे। इससे पहले मनोज तिवारी, रवि किशन और दिनेश लाल यादव निरहुआ जैसे सितारों ने भी चुनावी अखाड़े में अपनी किस्मत आजमाई और सफलता पाई। इन कलाकारों की लोकप्रियता ने कई बार चुनावी नतीजों को प्रभावित किया है। अब पवन सिंह भी उसी कड़ी में शामिल हो सकते हैं।
पवन सिंह की मुलाकात उपेंद्र कुशवाहा से इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यदि एनडीए उन्हें प्रत्याशी घोषित करता है, तो आरा सीट पर सियासी पारा चढ़ना तय है। विपक्ष और एनडीए दोनों इस सीट पर अपनी पूरी ताकत झोंकेंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि स्टार पावर राजनीति की जमीनी हकीकत को कितना प्रभावित कर पाती है।