द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश की राजनीति में PDA पाठशाला को लेकर सियासी जंग तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) द्वारा चलाई जा रही इस पहल पर अब सूबे के कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने सीधा हमला बोला है। उन्होंने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी का ‘पीडीए’ का मतलब ‘परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी’ है, जिसमें पी से परिवार, डी से डिंपल और ए से अखिलेश है।
राजभर का आरोप- पिछड़ों का शोषण करती रही है सपा
कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव से सवाल पूछा कि आखिर उनके पीडीए में पिछड़े समाज का स्थान कहां है। उन्होंने कहा कि सपा ने हमेशा पिछड़ों के नाम पर राजनीति की, लेकिन असल में उनका शोषण ही किया। राजभर ने कहा, अ से अखिलेश, डी से डिंपल और पी से परिवार… यही सपा की पीडीए पाठशाला है। तो फिर राजभर कहां जाएंगे? प्रजापति, पाल या चौहान कहां जाएंगे और अति पिछड़ी जातियां कहां जाएंगी? सपा ने सिर्फ अपने परिवार का विकास किया है, समाज का नहीं। राजभर ने आगे कहा कि अब जनता सब समझ चुकी है। खाली लेकर नाम नसीबों का, चूसा खून अति पिछड़ों का… अब यह राजनीति नहीं चलेगी।
दरअसल, यूपी सरकार के स्कूलों को मर्जर करने के फैसले के बाद सपा ने उन जगहों पर पीडीए पाठशाला शुरू की है जहां स्कूल बंद किए गए हैं। सपा का दावा है कि सरकार शिक्षा के प्रति गैर-जिम्मेदार रवैया अपना रही है। इस मुद्दे पर सपा और बीजेपी के बीच लगातार जुबानी जंग जारी है।
अखिलेश यादव का पलटवार
5 अगस्त को अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि जब तक सरकार बंद किए गए स्कूलों में योग्य शिक्षकों की नियुक्ति नहीं करती, तब तक सपा कार्यकर्ता बच्चों को पढ़ाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन हमारी पीडीए पाठशाला को रोक नहीं सकता। जब सरकार अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ लेती है, तब सपा कार्यकर्ता खड़े होते हैं।
अखिलेश यादव ने सीएम योगी को सीधा निशाना बनाते हुए कहा कि उन्हें उन स्कूलों का दौरा करना चाहिए जहां छतें गिर रही हैं और बच्चे घायल हो रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था चरमरा चुकी है।
शिक्षा को लेकर दोनों दल आमने-सामने
जहां अखिलेश यादव शिक्षा सुधार के नाम पर सरकार पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं ओम प्रकाश राजभर और बीजेपी सपा पर पलटवार कर रहे हैं। राजभर का आरोप है कि अखिलेश यादव सिर्फ ‘परिवारवाद’ को मजबूत करने में जुटे हैं और पिछड़े समाज के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। वहीं, सपा का दावा है कि उनकी पीडीए पाठशाला जनता के बच्चों की पढ़ाई बचाने का प्रयास है।