द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : करूर भगदड़ की त्रासदी, जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई थी, उस पर मद्रास उच्च न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने अभिनेता और दक्षिण के सुपरस्टार विजय की राजनीतिक पार्टी तमिऴगगा वेत्रिक्कडि (TVK) को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि पार्टी और उसके नेता घटना स्थल से भाग गए और हादसे के बाद भी उन्होंने न तो कोई पछतावा दिखाया और न ही जिम्मेदारी ली।
न्यायाधीश की सख्त टिप्पणी: विजय और नेताओं पर सवाल
न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार ने सुनवाई के दौरान कहा कि विजय और उनकी पार्टी के नेता, जिन्होंने करूर में रैली का आयोजन किया था, पीड़ितों की मदद करने के बजाय वहां से निकल गए। अदालत ने कहा कि इतने बड़े हादसे के बाद भी आयोजकों ने कोई खेद प्रकट नहीं किया और पीड़ित परिवारों की मदद करने में उदासीनता दिखाई।
प्रचार बस जब्त, CCTV कैमरों की जांच का आदेश
अदालत ने एक हिट एंड रन मामले में टीवीके की प्रचार बस को जब्त करने का आदेश दिया। साथ ही पुलिस को निर्देश दिया गया कि रैली स्थल के सभी सीसीटीवी फुटेज जब्त किए जाएं, खासकर विजय की बस के अंदर और बाहर लगे कैमरों के वीडियो। अदालत ने यह भी कहा कि इन सबूतों की जांच से साफ होगा कि आयोजन की जिम्मेदारी किसकी थी और हादसे के बाद क्या स्थिति बनी।
SIT जांच की निगरानी करेगी पुलिस
हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले की गहन जांच के लिए आईजीपी असरा गर्ग की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का आदेश दिया। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि SIT को पूरा सहयोग दिया जाए और दोषियों को बख्शा न जाए।
अदालत ने स्थानीय पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार और पुलिस टीवीके नेताओं के प्रति नरमी बरत रही है। अदालत ने यह भी पूछा कि अब तक विजय के खिलाफ कोई केस दर्ज क्यों नहीं हुआ। फिलहाल, विजय के करीबी सहयोगी और पार्टी के वरिष्ठ नेता एन. ‘बुस्सी’ आनंद और सीटी निर्मल कुमार पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
राजनीतिक हलचल: BJP और कांग्रेस ने साधा संपर्क
इस हादसे के राजनीतिक मायने भी तेजी से सामने आ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, करूर भगदड़ के कुछ दिनों बाद भाजपा ने विजय और उनकी पार्टी TVK से संपर्क किया। भाजपा चाहती है कि 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में विजय के बड़े फैन बेस का राजनीतिक फायदा उठाया जाए। पार्टी ने यहां तक संकेत दिए कि यदि डीएमके विजय को राजनीतिक रूप से निशाना बनाएगी तो भाजपा उनके साथ खड़ी रहेगी।
सिर्फ भाजपा ही नहीं, बल्कि कांग्रेस ने भी TVK से संपर्क साधा है। इससे साफ है कि राष्ट्रीय पार्टियां तमिलनाडु की राजनीति में डीएमके और एआईएडीएमके के लंबे समय से चले आ रहे प्रभुत्व को चुनौती देने के लिए विजय के बढ़ते राजनीतिक कद को एक अवसर के रूप में देख रही हैं।