द लोकतंत्र/ पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर कांग्रेस ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। पार्टी ने दो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और भूपेश बघेल के साथ अधीर रंजन चौधरी को वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। कांग्रेस ने इन अनुभवी नेताओं पर भरोसा जताते हुए उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। गहलोत राजस्थान और बघेल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, जबकि अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं।
41 जिला पर्यवेक्षकों की भी नियुक्ति
वरिष्ठ नेताओं के साथ कांग्रेस ने बिहार में 41 जिला चुनाव पर्यवेक्षकों की भी नियुक्ति की है। इनमें अविनाश पांडे, भक्त चरण दास, अजय राय, अनील चौधरी, बीवी श्रीनिवास, विक्रांत भूरिया, इरफान अंसारी, रोहित चौधरी और अनील चोपड़ा सहित कई नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है।
दरअसल, बिहार में कांग्रेस इस बार भी महागठबंधन का हिस्सा है, जिसमें आरजेडी, सीपीआई-एमएल और मुकेश सहनी की पार्टी शामिल हैं। हालांकि, सीट बंटवारे पर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। महागठबंधन लगातार रणनीतिक बैठकों के जरिए चुनावी समीकरण मजबूत करने की कोशिश में जुटा है।
राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा से मिला उत्साह
बिहार में अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने हाल ही में राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा आयोजित की थी। इस यात्रा में महागठबंधन के अन्य दलों के नेता भी शामिल हुए। राहुल गांधी ने इस दौरान बीजेपी और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। बड़ी संख्या में जुटी भीड़ ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नया जोश भर दिया। पार्टी अब इस समर्थन को वोट बैंक में तब्दील करने की रणनीति पर काम कर रही है।
2020 में कैसा रहा कांग्रेस का प्रदर्शन?
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन केवल 19 सीटों पर जीत हासिल की थी। उस चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर महज 9.48 फीसदी रहा था। इस बार कांग्रेस की कोशिश है कि चुनावी मैदान में प्रदर्शन सुधारकर महागठबंधन में अपनी पकड़ और मजबूत करे।