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मोहन भागवत का बयान: PoK हमारे घर का कब्जा किया गया कमरा, उसे वापस लेना ही होगा

Mohan Bhagwat's statement: PoK is an occupied room in our house, it must be taken back.

द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को भारत का अभिन्न हिस्सा बताते हुए कहा कि यह भारत के ‘घर का एक कमरा’ है, जिस पर दूसरों ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह कमरा हमारा ही है और समय आने पर उसे वापस लेना होगा। भागवत का यह बयान मध्य प्रदेश के सतना में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान आया, जहां उनके इस वक्तव्य पर लोगों ने जोरदार तालियां बजाईं।

पूरा भारत एक ही घर है, बस हमारे घर का एक कमरा किसी ने कब्जा लिया

मोहन भागवत ने कहा, बहुत से सिंधी भाई यहां बैठे हैं, मैं बहुत खुश हूं। वे पाकिस्तान नहीं गए थे, वे अविभाजित भारत के थे। हालात ने हमें इस घर में भेज दिया, लेकिन वो घर और ये घर अलग नहीं हैं। पूरा भारत एक ही घर है, बस हमारे घर का एक कमरा किसी ने कब्जा लिया है। वहां मेरी मेज़, कुर्सी और कपड़े रखे थे। अब समय आएगा, जब हमें वो कमरा वापस लेना होगा। उनके इस बयान को देशभर में राजनीतिक और रणनीतिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब PoK में जनता पाकिस्तान के खिलाफ विद्रोह कर रही है।

दरअसल, हाल के दिनों में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हजारों की संख्या में स्थानीय नागरिक अवामी एक्शन कमेटी (AAC) के बैनर तले सड़कों पर उतरकर पाकिस्तानी हुकूमत के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। लोग आर्थिक राहत और राजनीतिक सुधारों की मांग कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीन दिनों से चल रहे इन प्रदर्शनों में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

PoK में हुआ है विरोध

PoK के धीरकोट (बाग जिला) में पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई, जिसमें चार लोगों की मौत हुई। वहीं, मुअज्जफराबाद, दादयाल (मीरपुर) और चम्याती (कोहाला के पास) में भी हिंसा की खबरें सामने आई हैं। इस विरोध ने पाकिस्तान के कब्जे वाले इस इलाके में असंतोष और विद्रोह की स्थिति को उजागर कर दिया है।

इससे पहले, गुरुवार को मोहन भागवत ने पहलगाम आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि भारत ने दुनिया के सामने अपनी एकता और साहस का परिचय दिया है। उन्होंने कहा, यह एक परीक्षा थी कि वैश्विक मंच पर कौन हमारे साथ है और कौन नहीं। भारत के राजनीतिक नेतृत्व और सेना ने जिस दृढ़ता और साहस से जवाब दिया, उसने पूरी दुनिया के सामने हमारे संकल्प और वीरता को सिद्ध कर दिया।

भागवत के इस बयान को राष्ट्रीय एकता और आत्मविश्वास के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह वक्तव्य न केवल PoK की मौजूदा स्थिति पर भारत की दृष्टि को रेखांकित करता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि भारत अब अपने भूभाग को लेकर किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतेगा।

Team The Loktantra

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