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SC के आदेश पर आशीष मिश्रा, अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ गवाह को धमकाने का मुकदमा दर्ज

On the orders of the Supreme Court, a case has been registered against Ashish Mishra and Ajay Mishra Teni for threatening a witness.

द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : बहुचर्चित तिकुनिया हिंसा कांड में एक बार फिर से हलचल तेज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर लखीमपुर खीरी जिले के पढ़ुवा थाने में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी, उनके बेटे और मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू तथा निघासन ब्लॉक प्रमुख पति अमनदीप सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इन पर तिकुनिया कांड के चश्मदीद गवाह बलजिंदर सिंह को धमकाने और गवाही प्रभावित करने का आरोप है।

गवाह को धमकाने पर दर्ज हुआ मुक़दमा

गवाह बलजिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर बताया कि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं ताकि वे अदालत में गवाही न दें। उनका कहना है कि 15 अगस्त 2023 को अमनदीप सिंह उनके घर पहुंचे और गवाही बदलने का दबाव बनाया। मना करने पर उन्हें पैसे का लालच दिया गया और जान से मारने की धमकी दी गई। बलजिंदर ने यह पूरी बातचीत अपने फोन में रिकॉर्ड कर ली, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट में साक्ष्य के तौर पर पेश किया गया। कोर्ट ने इस रिकॉर्डिंग को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस को तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए।

पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चार अक्टूबर को एफआईआर दर्ज कर ली है। थाना प्रभारी पढ़ुवा विवेक कुमार उपाध्याय ने बताया कि मामले में IPC की धारा 195A (गवाह को धमकाने), 506 (आपराधिक धमकी) और साजिश रचने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही सभी आरोपियों से पूछताछ की जाएगी।

तिकुनिया कांड फिर सुर्ख़ियों में

इस पूरे मामले ने तिकुनिया कांड को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। बता दें कि 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कस्बे में उस वक्त हिंसा भड़क गई थी, जब किसान कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। आरोप है कि तत्कालीन गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की थार जीप ने किसानों को रौंद दिया था। इस घटना में चार किसानों, एक पत्रकार और तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी। इस मामले में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई थीं। एक किसानों की मौत के मामले में और दूसरी भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर।

पहले मामले में आशीष मिश्रा और 13 अन्य के खिलाफ हत्या, साजिश और आपराधिक षड्यंत्र के तहत आरोप तय किए गए थे। वहीं दूसरे मामले में एसआईटी ने चार किसानों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। वर्तमान में दोनों मामलों की सुनवाई जिला जज पंचम की अदालत में चल रही है और अगली सुनवाई 15 अक्टूबर 2025 को तय है।

पढ़ुवा थाना पुलिस का कहना है कि बलजिंदर सिंह की शिकायत की जांच में मिले साक्ष्यों के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में अब इस मामले की विवेचना की जा रही है। तिकुनिया कांड में यह नया विकास न केवल कानूनी बल्कि राजनीतिक रूप से भी बड़ा असर डाल सकता है, क्योंकि अजय मिश्रा टेनी भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और उनके बेटे इस पूरे मामले के मुख्य आरोपी हैं।

Team The Loktantra

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