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भारत में तालिबानी आदेश, अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी के भारत दौरे में महिला पत्रकारों की एंट्री बैन

Taliban order in India, entry of women journalists banned during Afghan Foreign Minister Amir Khan Muttaqi's visit to India

द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी इस समय सात दिनों के भारत दौरे पर हैं। शुक्रवार को उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अहम द्विपक्षीय बैठक की। बैठक में व्यापार, कूटनीतिक संबंध, स्वास्थ्य, आपदा राहत और पुनर्निर्माण जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।

भारत ने काबुल स्थित अपने तकनीकी मिशन को दूतावास का दर्जा देने की घोषणा की और अफगानिस्तान के स्वास्थ्य और पुनर्निर्माण कार्यों में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई। मुत्तकी ने यह भी आश्वासन दिया कि अफगानिस्तान किसी भी तत्व को अपनी जमीन का इस्तेमाल नई दिल्ली के हितों के खिलाफ नहीं करने देगा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की एंट्री बैन?

हालांकि, इस दौरे में प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की गैरमौजूदगी ने विवाद और चर्चा को जन्म दिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने महिला पत्रकारों की भागीदारी का सुझाव दिया था, लेकिन अंतिम फैसला तालिबानी अधिकारियों ने ही लिया। दिल्ली में किसी भी देश के आधिकारिक कार्यक्रमों में महिला पत्रकारों को बाहर रखना असामान्य है, जिससे इस कदम को लेकर सोशल मीडिया पर काफी प्रतिक्रिया आई।

मुत्तकी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उर्दू में सवालों के जवाब दिए और उनके पीछे छठी सदी की बामियान बुद्ध प्रतिमाओं की पेंटिंग लगी थी, जिन्हें तालिबान के पूर्व प्रमुख मुल्ला उमर के आदेश पर नष्ट किया गया था। वे भारत आने वाले पहले वरिष्ठ तालिबान अधिकारी हैं।

प्रत्येक देश के अपने रीति-रिवाज और कानून

अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों के सवाल पर मुत्तकी ने कहा कि तालिबान के सत्ता में आने से पहले रोजाना 200 से 400 लोग मरते थे, लेकिन पिछले चार वर्षों में ऐसी कोई हानि नहीं हुई। उन्होंने कानून और व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि हर किसी को उसके अधिकार मिलते हैं और जो दुष्प्रचार कर रहे हैं, वे गलत हैं। मुत्तकी का कहना था कि प्रत्येक देश के अपने रीति-रिवाज और कानून होते हैं और उसे उसी के अनुसार लागू किया जाता है।

तालिबान के सत्ता में आने के बाद अफगान महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों पर कई प्रतिबंध लगे हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाएं काम करने के अवसर खो रही हैं, लड़कियों को शिक्षा से वंचित रखा गया है, और कई सेवाओं का उपयोग पुरुष रिश्तेदार के बिना नहीं कर सकतीं। मुत्तकी की इस टिप्पणी और महिला पत्रकारों की बहिष्करण ने भारत में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तालिबान सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं।

Team The Loktantra

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