द लोकतंत्र : रिश्ते की खूबसूरती तब बनी रहती है जब दोनों पार्टनर एक-दूसरे पर भरोसा करें और एक-दूसरे को खुलकर जीने की आज़ादी दें। लेकिन कई बार यही प्यार जब कंट्रोल में बदल जाता है, तो रिश्ता तनाव का कारण बन जाता है।
कई लोग अपने पार्टनर को लेकर ओवर पजेसिव (Over Possessive) हो जाते हैं, यानी हर बात में उनका दखल देना, उनसे हर समय रिपोर्ट लेना या उन्हें दूसरों से बात करने से रोकना। यह व्यवहार धीरे-धीरे रिश्ते की नींव को हिला सकता है।
खुद से सवाल करें
ओवर पजेसिव होने का मतलब अक्सर यह नहीं होता कि आप प्यार नहीं करते, बल्कि यह किसी डर या असुरक्षा की निशानी होती है। खुद से सवाल करें,
क्या मुझे अपने पार्टनर पर भरोसा है?
क्या मैं किसी पुराने अनुभव की वजह से डर में जी रहा हूं?
इन सवालों के जवाब आपको अपने व्यवहार की जड़ तक पहुंचाएंगे और सुधार का रास्ता खोलेंगे।
भरोसा बनाना और बनाए रखना
हर रिश्ते की सबसे मज़बूत नींव “भरोसा” होती है। अपने पार्टनर पर शक करने की बजाय खुलकर बातचीत करें।
उनकी बातों पर भरोसा करें, वादों को महत्व दें। अगर किसी बात पर संदेह है, तो सीधे चर्चा करें, अनुमान या आरोप से नहीं।
स्पेस देना जरूरी है
हर व्यक्ति की अपनी निजी जिंदगी होती है। हर वक्त फोन या मैसेज करना, उनके दोस्तों से मिलने पर रोक लगाना या हर मूवमेंट पर नजर रखना रिश्ते को दमघोंटू बना सकता है।
याद रखें, प्यार का मतलब किसी को बांधना नहीं बल्कि आज़ादी देना है। स्पेस देने से भरोसा भी गहराता है।
खुलकर बातचीत करें
अगर किसी बात से असहजता महसूस हो रही है, तो शांत होकर बात करें।
“तुम हमेशा मुझे इग्नोर करते हो” कहने की बजाय, “क्या आजकल तुम बहुत बिज़ी हो?” जैसे वाक्य संवाद को स्वस्थ बनाए रखते हैं।
प्यार में पजेसिव होना स्वाभाविक है, लेकिन जब यह ओवर बन जाए तो रिश्ता दम तोड़ देता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने पार्टनर को भरोसा, स्पेस और इज़्जत दें, तभी रिश्ता लंबे समय तक खुशहाल रहेगा।