द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर इंडिया गठबंधन की सीट शेयरिंग को लेकर लंबे समय से चल रही अड़चन को सुलझाने के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू यादव और उनके पुत्र तथा उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव रविवार को दिल्ली पहुंचे।
उनके साथ कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह भी मौजूद रहे। संभावना है कि तेजस्वी यादव आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे। इस बातचीत के दौरान गठबंधन में सीट बंटवारे की सारी उलझन सुलझ जाने की उम्मीद है। इसके साथ ही लालू और तेजस्वी यादव को कल यानी 13 अक्टूबर को राउज एवेन्यू कोर्ट में लैंड फॉर जॉब केस की सुनवाई के लिए उपस्थित होना है। कोर्ट में दोनों मामले की सुनवाई में पेश होंगे।
लालू-तेजस्वी ने कहा- इंडिया गठबंधन में सब ठीक
पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों के सवालों का सामना करते हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया, जबकि दिल्ली में सीट बंटवारे के सवाल पर उन्होंने कहा कि बातचीत जारी है। तेजस्वी यादव ने स्पष्ट किया कि इंडिया गठबंधन में सब कुछ ठीक है, कहीं कोई नाराजगी नहीं है और जल्द ही सीट बंटवारे की घोषणा कर दी जाएगी। तेजस्वी ने यह भी कहा कि उन्होंने नौकरी देने के वादे पर कायम रहेंगे और 14 नवंबर के बाद बिहार की जनता बेरोजगारी से मुक्ति पाएगी।
राजद ने करीब 80 सीटों पर तय किए उम्मीदवार
पटना एयरपोर्ट पर जब लालू परिवार राबड़ी आवास से निकले, तो राजद कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। हालांकि, कुछ कार्यकर्ताओं ने कुछ सीटों पर वर्तमान विधायकों को टिकट नहीं देने की मांग की। राजद सूत्रों के अनुसार, लगभग 80 सीटों पर उम्मीदवार तय हो चुके हैं। तेजस्वी यादव खुद हर एक उम्मीदवार की समीक्षा कर रहे हैं और केवल उन्हीं को टिकट दिया जा रहा है, जो विधानसभा में राजद का झंडा बुलंद कर जीत सुनिश्चित कर सकें।
कुछ सीटों पर कांग्रेस की हिस्सेदारी तय नहीं होने के कारण पेंच फंसा हुआ है। वहीं, 2020 में बड़ी जीत हासिल करने वाले मौजूदा विधायकों को हरी झंडी मिल चुकी है। नए चेहरों में जदयू छोड़कर आए पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा, पूर्व विधायक राहुल शर्मा, और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी समेत कई शामिल हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि इस दिल्ली दौरे और उम्मीदवार समीक्षा के बाद इंडिया गठबंधन की सीट शेयरिंग स्पष्ट हो जाएगी और राजद के लिए चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देना आसान होगा।