द लोकतंत्र/ पटना : बिहार चुनाव 2025 के बीच जमुई से एक बड़ा सुरक्षा उल्लंघन का मामला सामने आया है। यहां बीजेपी विधायक श्रेसी सिंह के नामांकन के दौरान केंद्रीय मंत्री और असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल का हेलीकॉप्टर बिना अनुमति के अचानक केकेएम कॉलेज के मैदान में उतर गया। इस अप्रत्याशित घटना से जिला प्रशासन और पुलिस महकमे में अफरातफरी मच गई।
जानकारी के मुताबिक, बीजेपी के प्रदेश महामंत्री बृजनंदन सिंह ने हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए अनुमति जमुई पुलिस लाइन से ली थी। सुरक्षा कारणों से पुलिस लाइन में ही केंद्रीय मंत्री के लिए Z+ स्तर की सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। मौके पर पर्याप्त पुलिस बल, अधिकारी और सुरक्षा जवानों की तैनाती भी की गई थी। लेकिन सब कुछ उस वक्त बदल गया, जब हेलीकॉप्टर ने निर्धारित रूट छोड़ते हुए कॉलेज परिसर में लैंड कर लिया।
अचानक क्यों बदला हेलीकॉप्टर का रुख?
चश्मदीदों के मुताबिक, हेलीकॉप्टर पहले जमुई पुलिस लाइन की ओर बढ़ रहा था, लेकिन लैंडिंग से कुछ मिनट पहले उसने अचानक दिशा बदल ली और केकेएम कॉलेज के मैदान में उतर गया। इस घटना से प्रशासनिक अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों के बीच हड़कंप मच गया। केंद्रीय मंत्री को तत्काल सुरक्षा घेरे में लेकर नामांकन स्थल तक पहुंचाया गया ताकि किसी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
प्रशासन ने की सख्त कार्रवाई, दर्ज हुई FIR
घटना के बाद जमुई की अंचलाधिकारी (CO) ललिता कुमारी ने मामले को गंभीर बताते हुए शुक्रवार रात टाउन थाना में एफआईआर दर्ज कराई है। यह मुकदमा बीजेपी महामंत्री बृजनंदन सिंह के खिलाफ दर्ज किया गया है। एफआईआर में कहा गया है कि हेलीकॉप्टर की लैंडिंग अनुमति स्थल से हटकर की गई, जो न केवल आचार संहिता का उल्लंघन है बल्कि सुरक्षा व्यवस्था के साथ खिलवाड़ भी है।
अंचलाधिकारी ललिता कुमारी ने कहा, सुरक्षा और अनुमति स्थल का उल्लंघन एक गंभीर मामला है। पुलिस लाइन में सुरक्षा के लिहाज से पूरी तैयारी की गई थी, लेकिन कॉलेज में लैंडिंग करने से प्रशासनिक व्यवस्था प्रभावित हुई।
सुरक्षा बलों की तत्परता से टली बड़ी घटना
हेलीकॉप्टर के उतरते ही सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत स्थिति संभाली और केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल को सुरक्षित रूप से नामांकन स्थल तक पहुंचाया। प्रशासन ने अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर हालात को नियंत्रण में लिया। मौके पर मौजूद अफसरों ने बाद में बताया कि किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं घटी, लेकिन इस घटना ने सुरक्षा प्रोटोकॉल पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
बिहार चुनाव के दौरान यह घटना सुरक्षा एजेंसियों की तैयारी और समन्वय पर प्रश्नचिन्ह लगा रही है। जब Z+ श्रेणी के नेता की सुरक्षा में ऐसी चूक हो सकती है, तो सामान्य प्रत्याशियों और जनता की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठना स्वाभाविक है। प्रशासन ने कहा है कि पूरे मामले की जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।

