द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : बॉलीवुड जगत को सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को बड़ा झटका लगा। मशहूर अभिनेता-निर्देशक गोवर्धन असरानी, जो अपनी कॉमिक टाइमिंग और यादगार किरदारों के लिए जाने जाते थे, अब हमारे बीच नहीं रहे। वे कथित तौर पर लंबी बीमारी से जूझ रहे थे, जो उनकी मौत की वजह बनी।
असरानी के भतीजे अशोक ने उनके निधन की पुष्टि की। एएनआई ने ट्वीट कर लिखा, अभिनेता-निर्देशक गोवर्धन असरानी, जो ‘असरानी’ के नाम से मशहूर थे, आज मुंबई में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनके अंतिम संस्कार की रस्में सांताक्रूज श्मशान घाट पर संपन्न हुई।
‘शोले’ में जेलर का किरदार हमेशा किया जाएगा याद
श्मशान घाट से सामने आई तस्वीरों में देखा गया कि उनके परिवारजन और करीबी रिश्तेदार अंतिम विदाई देने पहुंचे। असरानी का जन्म जयपुर, राजस्थान में एक सिंधी परिवार में हुआ था। उन्होंने 1967 में फिल्म ‘हरे कांच की चूड़ियां’ से हिंदी सिनेमा में डेब्यू किया और ‘मेरे अपने’ से इंडस्ट्री में खास पहचान बनाई। उनका नाम कॉमेडी और सपोर्टिंग रोल्स के लिए आज भी याद किया जाता है। उन्होंने कुल 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और ‘शोले’ में जेलर का किरदार उन्हें हमेशा के लिए दर्शकों के दिलों में बसा गया।
राजेश खन्ना के साथ उनकी जोड़ी भी दर्शकों को बेहद पसंद आई। असरानी ने ‘कोशिश’, ‘बावर्ची’ और ‘अभिमान’ जैसी फिल्मों में अहम भूमिका निभाई। उनकी कॉमिक टाइमिंग और सहज अंदाज ने उन्हें हिंदी फिल्मों का प्रिय चेहरा बना दिया।
‘चला मुरारी हीरो बनने’ निर्देशित भी किया था
असरानी ने एक्टिंग के साथ निर्देशन में भी हाथ आजमाया। फिल्म ‘चला मुरारी हीरो बनने’ में उन्होंने अभिनय के साथ-साथ इसे लिखा और निर्देशित भी किया। वे गुजराती सिनेमा में भी काम कर चुके थे और कुल छह फिल्मों का निर्देशन कर चुके थे। 90 के दशक में उन्होंने कुछ समय के लिए फिल्मों से दूरी बनाई, लेकिन फिर ‘हेरा फेरी’ और ‘हलचल’ जैसी फिल्मों से शानदार वापसी की।
असरानी की शादी अभिनेत्री मंजू बंसल ईरानी से हुई थी, जिनके साथ उन्होंने कई फिल्मों में काम किया। उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए जयपुर के ऑल इंडिया रेडियो में वॉयस आर्टिस्ट के तौर पर काम किया। सेंट जेवियर्स स्कूल से मैट्रिक और राजस्थान कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने आए।
असरानी ने हिंदी सिनेमा को कॉमिक टाइमिंग, सपोर्टिंग रोल्स और अनोखे किरदारों के लिए हमेशा यादगार योगदान दिया। उनकी यादें और फिल्मों में निभाए गए किरदार हमेशा दर्शकों के दिलों में जीवित रहेंगे।

