द लोकतंत्र : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP Party) के हक़ को लेकर शरद पवार और अजित पवार के बीच चल रहा विवाद आज समाप्त हो गया। चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह अजित गुट को दे दिया। चुनाव आयोग ने कहा कि विवादित आंतरिक संगठनात्मक चुनावों के मद्देनजर ‘विधायी बहुमत के परीक्षण’ ने अजित पवार गुट को एनसीपी के चुनाव चिह्न का असली हक़दार बनाया है।
NCP Party – अजित पवार ने जुलाई में एनडीए के दामन थामा था
बता दें, 2 जुलाई 2023 को एनसीपी में दो फाड़ हो गया था। शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने अपने खेमे के विधायकों को साथ लेकर एनडीए में चले गये। उन्हें महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम पद की ज़िम्मेदारी दी गई। एनसीपी से अलग होने के बाद अजित पवार ने एनसीपी पार्टी पर दावा ठोंक दिया और मामला चुनाव आयोग तक गया। शरद पवार और अजित पवार दोनों खेमों ने चुनाव आयोग के समक्ष अपनी-अपनी दलीलें पेश की थीं। अब छह महीने से अधिक की सुनवाई के बाद चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी करार दिया है।
चुनाव आयोग ने अजित गुट को असली एनसीपी माना
चुनाव आयोग ने एनसीपी की लड़ाई को लेकर 10 से अधिक सुनवाई करने के बाद आज अजित पवार के हक़ में अपना फैसला सुनाया है। चुनाव आयोग ने अजित गुट को असली एनसीपी मानते हुए उन्हें ‘एनसीपी का नाम और प्रतीक’ सौंप दिया।
यह भी पढ़ें : मैं कुत्तों के प्रति बीजेपी के जुनून को समझ नहीं पा रहा हूं, वायरल वीडियो पर सफ़ाई देते हुए बोले राहुल गांधी
चुनाव आयोग के फ़ैसले के बाद इंडी अलायंस के सामने एक बड़ी चुनौती आ गई है। शरद पवार की पार्टी पर अजित का हक़ होने के बाद इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। हालाँकि चुनाव आयोग ने शरद पवार को पार्टी का नया नाम और सिंबल सोचने की छूट दी है। महाराष्ट्र में इससे पहले भी शिवसेना के साथ ऐसी परिस्थितियां बन चुकी है। शिवसेना में भी दो फाड़ हो चुका है। असली शिवसेना जहां सीएम एकनाथ शिंदे की है, वहीं उद्धव ठाकरे की पार्टी का नाम शिवसेना (यूबीटी) है।