द लोकतंत्र : किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) को देखते हुए दिल्ली से सटे सभी बॉर्डरों पर सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। गाजीपुर, नोएडा, बदलपुर, गुरुग्राम, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस के अलावा भारी सुरक्षाबल तैनात हैं। पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर ‘दिल्ली चलो’ मार्च निकालकर सरकार को सकते में ला दिया है। सरकार और किसान नेताओं के बीच अभी तक कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई तय समाधान नहीं निकल सका है।
राकेश टिकैत ने कहा – सरकार निकाल ले समाधान
एमएसपी और कर्ज माफी की कानूनी गारंटी, स्वामिनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने और लखीमपुर खीरी हादसे पर सख्त एक्शन की मांग को लेकर किसान दिल्ली की तरफ़ बढ़ रहे हैं। कल शंभु बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प की तस्वीरें भी सामने आयीं थी। वहीं किसान नेता और भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है। टिकैत ने कहा कि बिना समाधान और बातचीत के किसान वापस नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे लिए दिल्ली दूर नहीं है।
राकेश टिकैत ने दावा किया कि कोई किसान पत्थर नहीं मरता है। पत्थर मारने वाले भी सरकार के ही आदमी है। किसान संयुक्त मोर्चा अभी इसका हिस्सा नहीं है लेकिन हम उनके साथ है अगर वह चाहेंगे तो हम उनको समर्थन देंगे। यह आंदोलन किसानों का है। संयुक्त मोर्चा जो निर्णय लेगा हम उसी हिसाब से फैसला लेंगे।
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बता दें, पंजाब के किसानों का दिल्ली कूच का आज (14 फरवरी) दूसरा दिन है। किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर से हरियाणा में घुसने की कोशिशें जारी हैं। दिल्ली बॉर्डर पर आज भी जाम की स्थिति है। किसान मजदूर मोर्चा के कोऑर्डिनेटर सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि हर हाल में दिल्ली तक जाएंगे।