द लोकतंत्र : बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा शुरू की गई ‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा’ अब अपने समापन चरण में है। दिल्ली स्थित कात्यायनी माता मंदिर से प्रारंभ हुई यह 10 दिवसीय यात्रा आज (15 नवंबर) अपने नौवें दिन में प्रवेश कर गई है। लगभग 170 किलोमीटर की यह आध्यात्मिक यात्रा न केवल भक्तों की अटूट आस्था को दर्शाती है, बल्कि भारत में धार्मिक और सामाजिक एकता के महत्त्व को भी रेखांकित करती है।
यह पदयात्रा सनातन धर्म के प्रति जागरूकता बढ़ाने और हिंदू एकता के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से आयोजित की गई है। 13 नवंबर को यात्रा का मथुरा में भव्य स्वागत हुआ, जहाँ पुष्प वर्षा कर यात्रियों का अभिनंदन किया गया। इस पूरी यात्रा के दौरान, लाखों श्रद्धालुओं का समूह धीरेंद्र शास्त्री के साथ चल रहा है, जो धार्मिक आयोजनों में जनता की गहरी भागीदारी का प्रमाण है। यात्रा का समापन 16 नवंबर को वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के दर्शन के साथ होगा।
यद्यपि यह एक निजी धार्मिक पहल है, सरकार और प्रशासन ने इस यात्रा को सुगम बनाने में सहयोग किया है। धार्मिक यात्राओं और आयोजनों को निर्बाध रूप से आयोजित करने की अनुमति देना भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का समर्थन है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि स्थानीय प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा, यातायात व्यवस्था और भोजन-विश्राम के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान किया है।
पदयात्रा के नौवें दिन (15 नवंबर) की व्यवस्थाएँ मथुरा क्षेत्र पर केंद्रित हैं। यात्रा आज मथुरा के अखबरपुर स्थित एस के एस कॉलेज के सामने भोजन विश्राम के लिए रुकेगी। इसके बाद, रात्रि विश्राम के लिए बागेश्वर बाबा की यात्रा राधा गोविंद जी मंदिर, जैंत में ठहरेगी। यह ठहराव न केवल यात्रियों को ऊर्जा प्रदान करता है, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी इस विशाल धार्मिक आयोजन का हिस्सा बनने का अवसर देता है।
समाजशास्त्रियों और धार्मिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की विशाल पदयात्राएँ धार्मिक आस्था को मजबूत करने के साथ-साथ सामुदायिक समरसता को भी बढ़ावा देती हैं। धार्मिक विश्लेषक डॉ. वेद प्रकाश के अनुसार, “यह पदयात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सामूहिक मनोबल निर्माण (Collective Morale Building) का कार्य है। विभिन्न संत-महंतों और फिल्म जगत की हस्तियों (जैसे शिल्पा शेट्टी, एकता कपूर, राजपाल यादव) का इसमें शामिल होना दिखाता है कि सनातन धर्म की अपील अब सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में व्यापक हो चुकी है।”
बागेश्वर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा’ भक्ति, आस्था और सामुदायिक एकजुटता का एक अभूतपूर्व उदाहरण प्रस्तुत करती है। हर पड़ाव पर संतों (मृदुलकान्त शास्त्री जी, देवकीनंदन ठाकुर जी) और गणमान्य व्यक्तियों का शामिल होना इस यात्रा के महत्त्व को बढ़ाता है। जैसे-जैसे यह यात्रा अपने अंतिम पड़ाव वृंदावन की ओर बढ़ रही है, यह स्पष्ट है कि इसका संदेश धार्मिक चेतना के विस्तार और हिंदू समाज में एकता को मजबूत करने का है।

