द लोकतंत्र : धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के केंद्र अयोध्या में इस वर्ष विवाह पंचमी (25 नवंबर, 2025) के अवसर पर एक ऐतिहासिक और भव्य ध्वजारोहण समारोह आयोजित किया जा रहा है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान राम और माता सीता के विवाह की वर्षगांठ मनाई जाती है। इस अत्यंत शुभ तिथि पर, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण करेंगे, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि राष्ट्रीय एकता के प्रतीक के रूप में भी महत्वपूर्ण होगा।
विवाह पंचमी का त्योहार त्रेतायुग में हुए भगवान राम और माता सीता के विवाह की स्मृति में मनाया जाता है। अयोध्या में इस दिन विशेष उत्सव का माहौल रहता है, लेकिन राम मंदिर निर्माण के बाद यह पहला अवसर होगा जब इतने बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार, ध्वजारोहण कार्यक्रम की शुरुआत दोपहर 12 बजे से होगी और इसका समापन दोपहर 2 बजे के करीब होगा। ध्वज को शुभ मुहूर्त में धीरे-धीरे 190 फुट की ऊँचाई पर ले जाया जाएगा।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में देश के कई वीवीआईपी (VVIP) लोगों की उपस्थिति रहेगी, जो इस आयोजन की गरिमा को बढ़ाएगी।
- मुख्य अतिथि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
- प्रमुख अतिथि: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत।
सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए, राम लला के आम दर्शन 24 नवंबर की रात में ही बंद कर दिए जाएंगे और 25 नवंबर को सामान्य जनता के लिए दर्शन की अनुमति नहीं होगी।
ट्रस्ट की ओर से इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक और सामाजिक एकजुटता पर विशेष ध्यान दिया गया है। कुल 6,000 लोगों को आमंत्रित किया गया है, जिनमें से तीन हजार लोग अयोध्या जनपद से होंगे। महासचिव चंपत राय ने इस बात पर जोर दिया कि इस बार विशेष रूप से वनवासी क्षेत्रों में रहने वाले संत समाज को आमंत्रित किया गया है।
ट्रस्ट की कोशिश रही है कि उन संतों और समाज के लोगों को सम्मानपूर्वक बुलाया जाए, जो दूर-दराज जंगलों, पहाड़ी इलाकों, वनवासी क्षेत्रों और समुद्र किनारे बसे गांवों में रहते हैं। गंगा और यमुना जैसी पवित्र नदियों के किनारे बसे समुदायों के लोगों को भी इस अवसर के लिए चुना गया है। यह समावेशी कदम यह दर्शाता है कि राम मंदिर केवल एक क्षेत्र विशेष का नहीं, बल्कि पूरे देश की आस्था और सांस्कृतिक चेतना का केंद्र है।
विवाह पंचमी पर आयोजित यह विशेष ध्वजारोहण समारोह सनातन धर्म की परंपराओं को पुनर्जीवित करने और सामाजिक समरसता का संदेश देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। प्रधानमंत्री मोदी सहित सभी प्रमुख अतिथियों का यह आगमन, अयोध्या के महत्व को वैश्विक स्तर पर स्थापित करेगा। प्रशासन और ट्रस्ट दोनों ही इस आयोजन के महत्व को समझते हुए तैयारियों में जुटे हैं ताकि यह समारोह सुचारू रूप से और सफलतापूर्वक संपन्न हो सके, और अयोध्या से एकता व अध्यात्म का संदेश पूरे राष्ट्र में फैले।

