द लोकतंत्र : आज के डिजिटल युग में, जहाँ लैपटॉप और कंप्यूटर सिस्टम इंटरनेट और बाहरी स्टोरेज डिवाइस (जैसे यूएसबी) से लगातार जुड़े रहते हैं, वहीं वायरस (Virus) और मैलवेयर (Malware) का खतरा भी कई गुना बढ़ गया है। सिस्टम की देखभाल करना अब एक अनिवार्य जिम्मेदारी बन चुकी है, क्योंकि एक छोटा सा वायरस भी आपके महत्वपूर्ण डेटा को मिनटों में नष्ट कर सकता है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपका सिस्टम वायरस-मुक्त है या नहीं। विशेषज्ञ आपके लैपटॉप में मैलवेयर की एंट्री को पहचानने के लिए पाँच प्रमुख संकेत बताते हैं, जिन पर तुरंत ध्यान देना आवश्यक है।
वायरस या मैलवेयर की एंट्री मुख्य रूप से असुरक्षित वेबसाइटों से डेटा डाउनलोड करने या संक्रमित यूएसबी ड्राइव को कनेक्ट करने से होती है। इन डिजिटल घुसपैठियों की उपस्थिति को सिस्टम के व्यवहार में आए असामान्य बदलावों से पहचाना जा सकता है:
- सिस्टम क्रैश की समस्या: अगर आपका लैपटॉप बिना किसी स्पष्ट हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर खराबी के बार-बार क्रैश (Crash) हो रहा है, तो यह वायरस का स्पष्ट संकेत हो सकता है। मैलवेयर अक्सर सिस्टम के मुख्य फ़ाइलों को दूषित कर देता है, जिससे ऑपरेटिंग सिस्टम अस्थिर हो जाता है और बार-बार क्रैश होने लगता है।
- पॉप-अप एड दिखना: यदि आपका सिस्टम इंटरनेट से कनेक्टेड नहीं है, फिर भी आपको लैपटॉप में अनचाहे पॉप-अप विज्ञापन (Pop-up Ads) दिख रहे हैं, तो यह एडवेयर (Adware) या वायरस की एंट्री का एक मज़बूत प्रमाण है। इन एड्स पर गलती से भी क्लिक करने से डेटा चोरी या अन्य मैलवेयर की एंट्री हो सकती है।
वायरस का सबसे आम प्रभाव सिस्टम के प्रदर्शन (Performance) पर पड़ता है।
- अचानक परफॉर्मेंस हो जाए स्लो: यदि किसी भी प्रोग्राम को खोलने या फ़ाइल लोड होने में अचानक देरी हो रही हो, या टास्क मैनेजर में सीपीयू और रैम का उपयोग (CPU and RAM Usage) अचानक 70 से 80 प्रतिशत तक भर जाए—जबकि आप कोई बड़ा प्रोग्राम नहीं चला रहे हों—तो यह मैलवेयर की गतिविधि को दर्शाता है। वायरस बैकग्राउंड में रिसोर्स-हैवी (Resource-heavy) प्रक्रियाएँ चलाते हैं।
- फाइल या सेटिंग्स में बदलाव: यदि आपकी ज़रूरी फ़ाइलें गायब होने लगें, फ़ाइल का नाम खुद से बदल जाए, या सिस्टम में कोई अजीब सा फोल्डर या आइकन दिखाई दे, तो इसका कारण भी वायरस हो सकता है। कुछ मैलवेयर सीधे डेटा को नष्ट या एन्क्रिप्ट (Encrypt) करने का काम करते हैं।
यदि आपके सिस्टम में उपर्युक्त में से कोई भी संकेत दिखाई दे, तो तुरंत कार्रवाई करना आवश्यक है।
- एंटीवायरस इंस्टॉलेशन: यदि आपके सिस्टम में अच्छी कंपनी का एंटीवायरस (Antivirus) सॉफ्टवेयर नहीं है, तो तुरंत इसे खरीदें और इंस्टॉल करें।
- फुल सिस्टम स्कैन: एंटीवायरस इंस्टॉल करने के बाद, फुल सिस्टम स्कैन चलाएँ। एंटीवायरस सॉफ्टवेयर वायरस का पता लगाएगा और उसे हटाने या क्वारंटाइन (Quarantine) करने के लिए आवश्यक कदम बताएगा।
- डेटा बैकअप: वायरस से बचाव के लिए हमेशा अपने जरूरी डेटा का बैकअप (Data Backup) किसी बाहरी हार्ड ड्राइव या क्लाउड स्टोरेज पर रखें।
डिजिटल दुनिया में सतर्कता ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है। कमजोर परफॉर्मेंस या अनचाहे एड्स जैसे संकेतों को नज़रअंदाज़ करने से डेटा का नुकसान या आर्थिक हानि हो सकती है। एंटीवायरस का नियमित उपयोग और सुरक्षित इंटरनेट ब्राउज़िंग ही आपके लैपटॉप को मैलवेयर के हमले से बचा सकती है।

