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Spiritual

सुबह उठते ही करें इन 4 पवित्र ‘Vastu Plants’ के दर्शन, मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार

The loktnatra

द लोकतंत्र : आज की भागदौड़ भरी और तनावग्रस्त जीवनशैली में मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखना एक चुनौती है। वास्तु शास्त्र और सनातन धर्म में पेड़-पौधों को केवल वनस्पति नहीं, बल्कि दिव्य ऊर्जा का स्रोत माना गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि दिन की शुरुआत कुछ पवित्र वृक्षों के दर्शन से की जाए, तो पूरा दिन सकारात्मकता से भरा रहता है और जीवन की बाधाएँ कम होती हैं। वास्तु शास्त्र सुबह उठते ही इन वृक्षों के दर्शन को विशेष शुभ मानता है।

दर्शन मात्र से दूर होते हैं विकार

हिंदू धर्म में चार प्रमुख वृक्षों का सुबह दर्शन करने का विधान है, जो मानसिक और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करते हैं:

1. बेल वृक्ष (Bael Tree)

  • शिव का जुड़ाव: यह वृक्ष भगवान शिव से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि सुबह उठकर केवल बेल वृक्ष के दर्शन मात्र से ही मन के विकार खत्म होते हैं।
  • साहस और स्थिरता: कठिन परिस्थितियों में भी साहस और मनोबल बना रहता है। बेलपत्र शिव को अत्यंत प्रिय होने के कारण इसका महत्व अत्यधिक है।

2. तुलसी (Holy Basil)

  • मां लक्ष्मी का स्वरूप: तुलसी को साक्षात देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। जो व्यक्ति सुबह उठकर तुलसी के दर्शन करता है, मानो वह मां लक्ष्मी के दर्शन कर लेता है।
  • शुभता और पूजा: स्नानादि के बाद तुलसी पौधे में जल देकर पूजा करना भी अत्यंत शुभ और सकारात्मक माना जाता है।

बाधा निवारण और स्वास्थ्य लाभ

3. अशोक वृक्ष (Ashok Tree)

  • शुभ और मंगलकारी: ब्रह्मवैवर्त पुराण में अशोक वृक्ष का वर्णन शुभ और मंगलकारी वृक्ष के रूप में किया गया है।
  • कार्य सिद्धि: मान्यता है कि जहाँ अशोक का पेड़ होता है, वहाँ बिना किसी बाधा के सभी काम पूर्ण होते हैं। घर या घर के आसपास अशोक का पेड़ हो तो सुबह उठकर इसके दर्शन ज़रूर करने चाहिए।

4. आंवला वृक्ष (Amla Tree)

  • आयुर्वेद और स्वास्थ्य: आंवला को आयुर्वेद और हिंदू धर्म दोनों में शुभ माना गया है। यह विटामिन C का अचूक स्रोत होने के कारण सेहत के लिए भी लाभकारी होता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: सुबह उठकर आंवला वृक्ष के दर्शन करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

वास्तु शास्त्र और भारतीय परंपरा में यह दर्शन गहरा है कि मनुष्य और प्रकृति के बीच एक अदृश्य ऊर्जा का बंधन है। सुबह की शांति में इन पवित्र वृक्षों के दर्शन से न केवल हमें प्राकृतिक ऑक्सीजन मिलती है, बल्कि उनसे जुड़ी पौराणिक ऊर्जा भी हमारे मन को स्थिर करती है। यह सादगीपूर्ण क्रिया जीवन में सकारात्मकता और संतुलन लाने का एक प्रभावी माध्यम है।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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