द लोकतंत्र : उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने का मामला थमा ही था कि आज यूपी बोर्ड के दो प्रश्नप्रत्र व्हाट्सएप पर लीक हो गए। यूपी बोर्ड की 12वीं क्लास की परीक्षा का पेपर लीक होने की खबर सामने आई है। गणित और जीव विज्ञान का प्रश्नपत्र एक व्हाट्सएप ग्रुप पर वायरल कर दिया गया। परीक्षा की शुचिता तार तार होने पर सूबे के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सवाल उठाया है।
अखिलेश ने लंबे एक्स पोस्ट के माध्यम से योगी सरकार पर साधा निशाना
यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट के पेपर लीक के मामले को लेकर समाजावादी पार्टी के मुखिया और सूबे के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि पेपर लीक से बच्चों में मनो-मानसिक हताशा होती है, उसका दर्द परिवार विरोधी भाजपा कभी नहीं जान सकती है। उन्होंने एक लंबा पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर साझा किया जिसमें परीक्षा की शुचिता से लगातार हो रहे समझौते को लेकर सवाल उठाये गये हैं।
अखिलेश यादव ने लिखा, भाजपा सरकार के शासनकाल में जिस तरह से प्रतियोगी परीक्षाओं से लेकर यूपी बोर्ड तक के पेपर लगातार लीक हो रहे हैं, उससे उप्र के युवाओं और बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। अब युवा ही नहीं बल्कि जो बच्चे पहली बार वोट डालेंगे उनके बीच भी भाजपा की छवि पूरी तरह धूमिल हो चुकी है और उनके माता-पिता के बीच भी।
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अखिलेश यादव ने आगे लिखा, भाजपा दरअसल परिवारवालों की विरोधी है। परिवारवाले किस तरह त्याग करके अपने बच्चों को पढ़ाते हैं और किस प्रकार पेपर लीक से बच्चों में मनो-मानसिक हताशा होती है, उसका दर्द परिवार विरोधी भाजपा कभी नहीं जान सकती है। अन्य प्रदेशों में एडमिशन या प्रवेश परीक्षाओं की तारीख़ें उप्र में पेपर लीक होने की वजह से नहीं बदलेंगी, तो क्या हमारे प्रदेश के 12वीं के बच्चे इस मौके को खोकर अपने जीवन के सबसे ऊर्जावान सालों में से एक साल खो देंगे। बच्चों के माता-पिता निराश होकर भाजपा सरकार से पूछ रहे हैं कि इस बात की गारंटी कौन लेगा कि दुबारा परीक्षा होने पर फिर से पेपर आउट नहीं होगा।
उन्होंने आगे लिखा, छात्रों का कहना है कि ये तो वो विषय हैं जिनके बारे में ख़बर फैल गयी है, ऐसा भी तो हो सकता है कि अन्य विषयों के साथ ऐसा हुआ हो या होनेवाला हो जिसकी ख़बर किसी को नहीं है। भाजपा सरकार या तो नकारात्मक राजनीति के चक्कर में देश-प्रदेश की सुध नहीं ले पा रही है या किसी साँठगाँठ के कारण लेना नहीं चाहती है। भाजपा शुरू से ही शिक्षा और नौकरी के प्रति नकारात्मक है क्योंकि वो नहीं चाहती कि पढ़-लिखकर लोग जाग्रत हों और भाजपा की तर्कहीन राजनीति पर सवाल उठाएं।
भाजपा हटाओ, संकट मिटाओ
उन्होंने अपने एक्स पोस्ट के माध्यम से लिखा कि, इस बार लोकसभा चुनाव में पहली बार के वोटर छात्र-छात्राएं, नौकरी के लिए हताश हो चुके पढ़े-लिखे युवक-युवतियाँ बिना किसी बहकावे-भटकावे के भाजपा को हराने के लिए वोट करेंगे। इस बार छात्र, बेरोज़गार युवा व उनके माता-पिता, भाई-बहन और घर के बड़े, सब मिलकर भाजपा को सबक़ सिखाना चाहते हैं, बुरी तरह हराना चाहते हैं। भाजपा हटाओ, संकट मिटाओ! भाजपा हराओ, भविष्य बचाओ!