द लोकतंत्र : केरल के एर्नाकुलम डिस्ट्रिक्ट सेशन कोर्ट ने 2017 के बहुचर्चित अभिनेत्री गैंगरेप मामले में सोमवार को एक निर्णायक फैसला सुनाते हुए मलयालम फिल्म एक्टर दिलीप को उन पर लगे सभी गंभीर आरोपों से बरी कर दिया है। प्रिंसिपल सेशंस जज हनी एम वर्गीस की कोर्ट ने लगभग आठ साल तक चले इस लंबे ट्रायल के बाद यह फैसला सुनाया। दिलीप, जो इस मामले में आठवें आरोपी थे, पर लगी साजिश रचने और अपराध के लिए मुख्य आरोपी को वित्तीय मदद देने की धाराएँ खारिज हो गईं।
मुख्य आरोपी पल्सर सुनील समेत 6 दोषी
कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया कि इस मामले में कुल 10 आरोपियों में से आरोपी नंबर 1 से 6 दोषी हैं।
- मुख्य दोषी: मामले के मुख्य आरोपी एनएस सुनील, उर्फ ‘पल्सर सुनी’, को कोर्ट ने सभी आरोपों में दोषी ठहराया है। दोषी पाए गए अन्य लोगों में मार्टिन एंटनी, बी मणिकंदन, वीपी विजीश, एच सलीम उर्फ वाडीवाल सलीम और प्रदीप शामिल हैं।
- अन्य आरोपी: चार्ली थॉमस, सनिल कुमार उर्फ मेस्त्री सनिल और शरथ नायर भी इस मामले में आरोपी थे।
दिलीप पर साजिश रचने का आरोप
अभिनेता दिलीप पर प्रोसिक्यूशन ने अत्यंत गंभीर आरोप लगाए थे।
- आरोप: प्रोसिक्यूशन का दावा था कि दिलीप ने पूरी घटना की साजिश रची थी और अपराध को अंजाम देने के लिए पल्सर सुनील को ₹1.5 करोड़ रुपये देने का भी आरोप था।
- गिरफ्तारी और जमानत: पुलिस ने 2017 में पहली चार्जशीट दायर की थी। दिलीप को जुलाई 2017 में सबूत मिटाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और वह 84 दिन तक जेल में रहे। उन्हें अक्टूबर 2017 में जमानत मिल गई थी। हालांकि, सोमवार को आए फैसले ने उन्हें इस विवादित अध्याय से राहत दी है।
आईपीसी और आईटी एक्ट के तहत आरोप
इस मामले में सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई संगीन धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे। इनमें मुख्य रूप से अपहरण (किडनैपिंग), तोड़फोड़ (वैंडलिज्म), गैंगरेप और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (Information Technology Act) की धाराएँ शामिल थीं।
फैसले के बाद यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। यह फैसला एक लंबी और कठिन कानूनी प्रक्रिया का समापन है, जिसमें फिल्मी दुनिया के एक बड़े नाम पर लगे आरोपों से परदा हटा है।

