द लोकतंत्र : आजकल बड़ी संख्या में लोग मसूड़ों के दर्द और सूजन जैसी ओरल समस्याओं से जूझ रहे हैं, जो धीरे-धीरे एक गंभीर चुनौती बनती जा रही है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, इस दिक्कत की मूल वजह हमारी अनियमित लाइफस्टाइल और खराब ओरल हाइजीन आदतें हैं। ज्यादा मीठा खाना, धूम्रपान (स्मोकिंग) और नियमित ब्रश न करने की आदत सीधे तौर पर मसूड़ों के आसपास प्लाक और हानिकारक बैक्टीरिया के जमाव को बढ़ावा देती हैं। इससे सूजन, मसूड़ों से खून आना और सांसों में दुर्गंध जैसी दिक्कतें होती हैं, जो समय पर इलाज न मिलने पर दांतों के गिरने तक की स्थिति पैदा कर सकती है।
केमिकल युक्त टूथपेस्ट से साइड इफेक्ट
दंत चिकित्सा के क्षेत्र में यह एक स्वीकृत तथ्य है कि बाजार में उपलब्ध अधिकांश टूथपेस्टों में फ्लोराइड, ट्राइक्लोसन और आर्टिफिशियल फ्रेगरेंस जैसे केमिकल मिलाए जाते हैं। जहां ये तत्काल सफाई का अहसास देते हैं, वहीं इनका दीर्घकालिक उपयोग हानिकारक सिद्ध हो सकता है।
- दुष्प्रभाव: इन रसायनों के लगातार संपर्क में रहने से मसूड़ों में जलन, मुंह की त्वचा में सूखापन (ड्रायनेस) और एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों में इनका असर ज्यादा देखा जाता है।
- प्राकृतिक विकल्प: इस स्थिति से बचने का सबसे कारगर तरीका है कि केमिकल मुक्त और आयुर्वेदिक आधारित प्राकृतिक टूथपेस्ट की तरफ रुख किया जाए।
घर पर बनाएं देसी आयुर्वेदिक टूथपेस्ट
विशेषज्ञों के अनुसार, एक प्रभावी और पूरी तरह सेहतमंद टूथपेस्ट घर पर कुछ सरल सामग्रियों की मदद से तैयार किया जा सकता है।
- आवश्यक सामग्री:
- नारियल तेल (2 चम्मच): हानिकारक बैक्टीरिया कम करता है।
- बेकिंग सोडा (1 चम्मच): दाग हटाकर पीलापन हल्का करता है।
- नीम पाउडर (1 चम्मच): मसूड़ों को मजबूत कर संक्रमण घटाता है।
- दालचीनी पाउडर (1/2 चम्मच): एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर।
- पेपरमिंट ऑयल (2-3 बूंद): सांसों को ताजगी देता है।
- उपयोग विधि: इन सभी सामग्रियों को अच्छी तरह से मिलाकर कांच की शीशी में भरकर रख लें। इसका उपयोग सुबह और रात में मंजन के लिए किया जा सकता है।
यह प्राकृतिक टूथपेस्ट बिना किसी साइड इफेक्ट के दांतों व मसूड़ों की गहन देखभाल सुनिश्चित करता है और ओरल हेल्थ को दीर्घकालिक फायदा पहुंचाता है।

