द लोकतंत्र : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को संपन्न हुई राज्य कैबिनेट की बैठक ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों और प्रशासनिक ढाँचे को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। कुल 19 एजेंडों पर मुहर लगाई गई, जिसमें सबसे प्रमुख निर्णय सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में 5% की बढ़ोतरी करना रहा। यह वृद्धि 1 जुलाई 2025 के प्रभाव से लागू होगी, जो कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई के मुताबिक वित्तीय राहत प्रदान करेगी।
कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते की दरें
राज्य सरकार के इस फैसले के तहत, विभिन्न केंद्रीय वेतनमान के तहत वेतन और पेंशन प्राप्त कर रहे सरकारी सेवकों और पेंशनभोगियों को बढ़ा हुआ डीए मिलेगा।
- इस वेतनमान में आने वाले कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का डीए 252% से बढ़कर 257% हो गया है। यह वृद्धि सीधे तौर पर कर्मचारी के मूल वेतन पर असर डालेगी।
- वहीं, पंचम केंद्रीय वेतनमान प्राप्त कर रहे कर्मचारियों को अब 466% के स्थान पर 474% डीए मिलेगा। यह निर्णय राज्य भर के लाखों वर्तमान और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए वित्तीय दृष्टि से बेहद सकारात्मक है।
प्रशासनिक दक्षता के लिए तीन नए विभाग
मुख्यमंत्री ने राज्य की जरूरतों और युवाओं के भविष्य को देखते हुए प्रशासनिक संरचना में बड़ा बदलाव किया है।
- कैबिनेट ने तीन नए विभागों के गठन को मंजूरी दी है। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं युवा रोजगार एवं कौशल विकास विभाग, उच्च शिक्षा विभाग और सिविल विमान विभाग। इन नए विभागों का गठन क्षेत्र-विशिष्ट नीतियों और योजनाओं के क्रियान्वयन में दक्षता लाएगा।
- तीन अन्य विभागों के नाम में भी परिवर्तन किया गया है। श्रम संसाधन विभाग को अब ‘श्रम संसाधन एवं प्रवासी श्रमिक कल्याण विभाग’ के नाम से जाना जाएगा, जो प्रवासी श्रमिकों के कल्याण पर बढ़ा हुआ ध्यान दर्शाता है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग का नाम बदलकर ‘डेरी मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग’ किया गया है, वहीं कला संस्कृति एवं युवा विभाग का नाम अब ‘कला एवं संस्कृति विभाग’ होगा।
अन्य प्रमुख निर्णय
बैठक में अन्य कई महत्वपूर्ण एजेंडों पर भी मुहर लगी है, जो राज्य के विकास के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करेंगे।
- बिहार के युवाओं के सशक्तिकरण के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ मिलकर ‘विद्यार्थी कौशल कार्यक्रम’ संचालित करने को मंजूरी दी गई।
- वाल्मीकि व्याघ्र आरक्षण फाउंडेशन के लिए ₹15 करोड़ के कॉर्प्स फंड के गठन और नगर निकाय के पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के बकाया भुगतान के लिए ₹400 करोड़ की राशि की स्वीकृति भी दी गई।
इन फैसलों के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक ओर अपने कर्मचारियों को राहत दी है, वहीं दूसरी ओर युवाओं के रोजगार और राज्य के विकास पर केंद्रित एक सुव्यवस्थित प्रशासनिक ढाँचा तैयार करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।

