द लोकतंत्र : ठंड का मौसम आते ही घरों में गीजर का इस्तेमाल बढ़ जाता है, जिसके परिणामस्वरूप बिजली का बिल भी तेजी से आसमान छूने लगता है। हालांकि, तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि गीजर का इस्तेमाल पूरी तरह से आरामदायक हो सकता है, बशर्ते कि हम कुछ आसान किंतु स्मार्ट ऊर्जा बचत उपायों को अपनी रोजमर्रा की आदत में शामिल कर लें। इन सुझावों का अनुसरण करके, उपभोक्ता आराम से गर्म पानी का उपयोग कर सकते हैं और अपनी जेब पर पड़ने वाले अतिरिक्त भार से भी बच सकते हैं।
इस्तेमाल की आदतें और मैन्युअल नियंत्रण
गीजर के इस्तेमाल का तरीका सीधे तौर पर बिजली की खपत को प्रभावित करता है।
- लगातार ऑन न रखें: सबसे सामान्य गलती यह है कि लोग गीजर को लंबे समय तक ऑन छोड़ देते हैं। गीजर पानी को जल्दी गर्म करता है और इंसुलेटेड टैंक के कारण पानी देर तक गर्म भी रहता है। यदि आपके गीजर में ऑटो कट फीचर नहीं है, तो उसे आवश्यकतानुसार कुछ मिनट चलाकर मैन्युअली बंद करने से बिजली की बचत काफी होती है।
- बचे हुए गर्म पानी का उपयोग: हर बार उपयोग के लिए गीजर को नए सेरे से ऑन करने की ज़रूरत नहीं होती है। टैंक में पहले से मौजूद गुनगुना पानी कई घंटों बाद भी अन्य कामों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे पुनः गर्म करने की ज़रूरत कम हो जाती है।
तकनीकी समाधान और अपग्रेडेशन
गीजर की सेटिंग्स और मॉडल का चुनाव भी ऊर्जा दक्षता में निर्णायक भूमिका निभाता है।
- थर्मोस्टेट की सही सेटिंग: गीजर का थर्मोस्टेट 50 से 60 डिग्री सेल्सियस के बीच सेट करना सबसे कुशल माना जाता है। इस तापमान पर पानी पर्याप्त गर्म होता है और गीजर को अनावश्यक रूप से ज्यादा समय तक नहीं चलना पड़ता है, जिससे बिजली की खपत कम होती है।
- पुराने गीजर को बदलें: ज्यादा पुराने गीजर अक्सर ऊर्जा अकुशल होते हैं और अधिक बिजली की खपत करते हैं। नए 5 स्टार रेटिंग वाले गीजर कम बिजली खर्च करते हैं और बेहतर इंसुलेशन के कारण पानी को ज्यादा देर तक गर्म रखते हैं। इनमें ऑटो कट फीचर भी होता है, जो पानी गर्म होते ही बिजली की सप्लाई काट देता है और अनावश्यक खपत को रोकता है।
इन सरल सुझावों का पालन करके परिवार न केवल गर्म पानी की सुविधा का आनंद ले सकते हैं, बल्कि पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी दिखाते हुए हर महीने अपने बिजली के बिल में उल्लेखनीय कमी भी ला सकते हैं।

