द लोकतंत्र : सर्दियों के मौसम में सुबह उठते ही सिरदर्द की शिकायत एक आम बात बन गई है। हालांकि, इस दर्द को सिर्फ ठंड का असर मानकर नजरअंदाज करना गंभीर हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इसकी वजह अक्सर शरीर में पोषक तत्वों की गंभीर कमी और शरीर की प्राकृतिक प्रक्रियाओं का असंतुलन होता है। ठंड में शरीर का मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है और रक्त संचार (ब्लड सर्कुलेशन) भी प्रभावित होता है, जिससे मस्तिष्क तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुँच पाती। यह स्थिति पोषक तत्वों की कमी के साथ मिलकर सुबह के सिरदर्द को ट्रिगर करती है।
पोषक तत्वों की कमी है मुख्य कारण
न्यूट्रिशनिस्ट अनामिका गौर बताती हैं कि डाइट में कुछ जरूरी पोषक तत्वों की कमी ही सुबह के सिरदर्द का बड़ा कारण बनती है।
- मैग्नीशियम की भूमिका: मैग्नीशियम की कमी से तंत्रिकाएँ (नर्व्स) तनाव में रहती हैं, जिससे सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या बढ़ जाती है।
- विटामिन बी कॉम्प्लेक्स: विटामिन बी2 और बी12 मस्तिष्क को ऊर्जा प्रदान करने और तंत्रिका कार्य (नर्व फंक्शन) को ठीक रखने में मदद करते हैं। इनकी कमी सुबह उठते ही भारीपन और दर्द पैदा करती है।
- आयरन और ऑक्सीजन सप्लाई: आयरन की कमी से रक्त में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है, जिससे मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन न मिलने के कारण सिर भारी लगता है।
- ओमेगा-3 और सूजन: ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी मस्तिष्क में सूजन (इन्फ्लेमेशन) की संभावना बढ़ाती है, जो माइग्रेन सहित अन्य सिरदर्द को ट्रिगर करती है।
डिहाइड्रेशन और आहार में समाधान
ठंड में कई लोग पानी कम पीते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन होता है और मस्तिष्क तक रक्त प्रवाह कम होने से भी सिरदर्द शुरू हो जाता है। इसलिए, डाइट में सुधार और पर्याप्त तरल पदार्थों का सेवन ही इसकी रोकथाम है।
| पोषक तत्व | सिरदर्द में भूमिका | डाइट में शामिल करें |
| मैग्नीशियम | नसों को रिलैक्स करना | बादाम, कद्दू के बीज, पालक, केला |
| विटामिन B2/B12 | नर्व फंक्शन और एनर्जी | अंडे, दूध, दही, साबुत अनाज |
| आयरन | रक्त में ऑक्सीजन स्तर | पालक, गुड़, चना, दालें |
| ओमेगा-3 | मस्तिष्क की सूजन कम करना | अखरोट, अलसी के बीज, चिया सीड्स |
उपाय और निष्कर्ष
- पर्याप्त पानी पीना अनिवार्य है ताकि डिहाइड्रेशन से बचा जा सके।
- मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन नसों के तनाव को कम करने में मदद करता है।
- आयरन और ओमेगा-3 से भरपूर डाइट लेना मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए बुनियादी है।
यदि यह समस्या लगातार बनी रहती है, तो इसे शरीर के गंभीर पोषक असंतुलन का संकेत मानना चाहिए और तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए।

