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साइबर क्राइम से कैसे बचें? जानिए डिजिटल दुनिया में खुद को सुरक्षित रखने के सबसे प्रभावी तरीके

How to protect yourself from cybercrime? Learn the most effective ways to stay safe in the digital world.

द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : डिजिटल युग में इंटरनेट हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। बैंकिंग से लेकर खरीदारी, सोशल मीडिया से लेकर सरकारी सेवाओं तक, हम हर काम ऑनलाइन करते हैं। लेकिन सुविधा के साथ जोखिम भी बढ़े हैं। साइबर क्राइम आज दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता अपराध है, जिसमें फ़िशिंग, हैकिंग, ऑनलाइन ठगी, फर्जी कॉल, फर्जी ऐप, डेटा चोरी और सोशल मीडिया फ्रॉड शामिल हैं। ऐसे में खुद को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। साइबर सुरक्षा कोई तकनीकी ज्ञान नहीं, बल्कि सही आदतों और जागरूकता का विषय है।

डिजिटल सतर्कता से बच सकते हैं साइबर हमलों से

सबसे पहले पासवर्ड सुरक्षा को मजबूत बनाना जरूरी है। कमजोर, छोटा या एक ही पासवर्ड कई प्लेटफॉर्म पर उपयोग करने से हैकर्स आसानी से आपके खाते तक पहुंच सकते हैं। पासवर्ड हमेशा लंबा, यूनिक और जटिल होना चाहिए। नंबर, अक्षर और स्पेशल कैरेक्टर का मिश्रण इसे और सुरक्षित बनाता है। साथ ही पासवर्ड मैनेजर का उपयोग करने से आपको हर पासवर्ड याद रखने की जरूरत भी नहीं पड़ती।

सीधे-सीधे कहें तो OTP, PIN या बैंक की गोपनीय जानकारी कभी किसी के साथ साझा न करें। न फोन पर, न मैसेज में और न ही ईमेल में। बैंक, UPI ऐप या कोई भी वित्तीय संस्था कभी OTP नहीं मांगती। आजकल साइबर ठग KYC अपडेट, अकाउंट ब्लॉक, इनाम मिलने या बिजली बिल बकाया जैसे बहानों से लिंक भेजकर लोगों को फंसाते हैं। ऐसे लिंक पर क्लिक करना आपके मोबाइल में मैलवेयर इंस्टॉल कर सकता है, जिससे आपका डेटा, बैंक अकाउंट और पासवर्ड तक चोरी हो सकता है।

दो-स्तरीय सुरक्षा (Two-Factor Authentication) ऑन करना न भूलें

सोशल मीडिया पर भी सतर्क रहना उतना ही जरूरी है। आपकी प्रोफाइल में मौजूद जानकारी जैसे जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, पता या परिवार की जानकारी साइबर अपराधियों के लिए सोने की खान बन सकती है। अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें और अपने पोस्ट की विजिबिलिटी को ‘फ्रेंड्स’ तक सीमित रखें। दो-स्तरीय सुरक्षा (Two-Factor Authentication) ऑन करना न भूलें। यह आपके अकाउंट में एक अतिरिक्त सुरक्षा परत जोड़ता है।

ऑनलाइन ऐप्स और वेबसाइटों का चयन करते समय सावधानी आवश्यक है। फर्जी ऐप या वेबसाइट आपके फोन में वायरस डाल सकती हैं या आपके बैंक खाते को खतरे में डाल सकती हैं। ऐप डाउनलोड करते समय आधिकारिक Google Play Store या Apple App Store का ही उपयोग करें। किसी भी वेबसाइट के URL में “https” जरूर देखें; “http” वाली वेबसाइटें सुरक्षित नहीं होतीं।

पब्लिक Wi-Fi का उपयोग करते समय बरतें सावधानी

पब्लिक Wi-Fi का उपयोग करते समय भी सावधानी जरूरी है। मॉल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड या कैफे के Wi-Fi अक्सर सुरक्षित नहीं होते, जहां हैकर्स आसानी से आपका डेटा चुरा सकते हैं। पब्लिक Wi-Fi पर ऑनलाइन बैंकिंग, UPI भुगतान या महत्वपूर्ण अकाउंट में लॉगिन न करें। जरूरत पड़े तो VPN का उपयोग करें। मोबाइल फोन और कंप्यूटर को नियमित रूप से अपडेट रखना भी सुरक्षा के लिए अनिवार्य है, क्योंकि अपडेट में सुरक्षा खामियों को दूर किया जाता है।

डिजिटल भुगतान करते समय भी सतर्कता बेहद जरूरी है। QR कोड स्कैन करते समय ध्यान रखें कि किसी ने पुराने QR पर नया स्टिकर न चिपकाया हो। याद रखें कि पैसा पाने के लिए OTP या UPI PIN की जरूरत नहीं होती। यदि किसी कॉल या मैसेज में कहा जाए कि पैसे आपके खाते में नहीं आए हैं इसलिए PIN डालें, तो समझ जाइए कि यह धोखाधड़ी है।

भ्रम और जल्दबाजी में न लें निर्णय

साइबर क्राइम का सबसे बड़ा हथियार है भ्रम और जल्दबाजी। अपराधी आपको डराकर, ऑफर दिखाकर या जल्दी निर्णय लेने के लिए मजबूर कर अपनी जालसाजी पूरी करते हैं। इसलिए किसी भी संदिग्ध मैसेज, कॉल या लिंक पर बिना जांचे-परखे कोई कदम न उठाएं।

अगर दुर्भाग्यवश आप साइबर अपराध का शिकार बन जाते हैं, तो तुरंत शिकायत करें। भारत सरकार की हेल्पलाइन 155260 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें। जितनी जल्दी शिकायत की जाएगी, पैसे वापस पाने की संभावना उतनी ही अधिक होती है।

अंत में यही कहा जा सकता है कि डिजिटल दुनिया की सुरक्षा उसी व्यक्ति के हाथ में है जो इसका उपयोग कर रहा है। थोड़ी सी सावधानी, सही डिजिटल व्यवहार और जागरूकता अपनाकर आप खुद को और अपने परिवार को साइबर अपराधों से सुरक्षित रख सकते हैं।

Team The Loktantra

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