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…तो क्या अमेठी से नहीं लड़ेंगे राहुल गांधी, सीईसी की बैठक में वायनाड से लड़ने पर बनी सहमति

So will Rahul Gandhi not contest from Amethi, in the CEC meeting it was agreed to contest from Wayanad.

द लोकतंत्र : अमेठी अब गांधी परिवार का गढ़ नहीं रही। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने गांधी परिवार से अमेठी लोकसभा सीट लगभग छीन ली है। और शायद कांग्रेस ने भी यह मान लिया है कि अमेठी पर उनका दावा कमजोर पड़ चुका है। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी अमेठी से नहीं लड़ेंगे। उनके लिए वायनाड सीट पक्की कर दी गई है। वह वहीं से चुनाव लड़ेंगे। कल संभवतः कांग्रेस की पहली सूची में उनका नाम भी आ जाये।

राहुल गांधी अमेठी से चुनाव नहीं लड़ेंगे इसके पीछे के सियासी संदेश यकीनन कांग्रेस के हित में नहीं है। भाजपा तो वैसे ही सुई से तलवार बना लेती है। ऐसे में अगर राहुल अमेठी से नहीं लड़ते तो भाजपा इसको खूब भुनायेगी। राहुल गांधी को जहां स्मृति इरानी की तरफ़ से अमेठी से लड़ने का खुला चैलेंज था ऐसे में पीछे हटने का मतलब पीठ दिखाना होता है। स्मृति ने कई मंचों पर स्पष्ट कहा है कि राहुल गांधी अमेठी से लड़ने की हिम्मत नहीं दिखा सकते। अमेठी अब स्मृति इरानी का परिवार है।

बता दें, गुरुवार (7 मार्च) को हो रही कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की लोकसभा सीट फाइनल कर दी गई है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस की पहली सूची में राहुल गांधी का नाम शामिल होगा। राहुल गांधी केरल की वायनाड लोकसभा सीट से पुनः चुनाव लड़ेंगे। पिछली बार वे यहाँ से जीते थे। सीईसी की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अध्‍यक्ष मल्‍ल‍िकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे।

कभी भी आ सकती है कांग्रेस की पहली लिस्ट

कांग्रेस की पहली लिस्ट में कर्नाटक, तेलंगाना, केरल, लक्षद्वीप, मेघालय, त्रिपुरा, सिक्किम, छत्तीसगढ़, दिल्ली और मणिपुर की सीटों पर नाम तय होने की की संभावना है। हालाँकि, यूपी की 17 सीटों के लिए 10 मार्च के बाद होने वाले बैठक में निर्णय लिया जायेगा। दूसरी लिस्ट में रायबरेली से प्रियंका गांधी का नाम हो सकता है जबकि अमेठी के लिए अन्य नामों पर विचार किया जाएगा।

लोकसभा 2019 में अमेठी से हार गये थे राहुल गांधी

लोकसभा 2019 में स्मृति ईरानी ने बड़े अंतर से राहुल गांधी को हराया था। स्मृति को जहां चार लाख 68 हजार से ज्यादा वोट मिले थे वहीं राहुल गांधी को 4 लाख 13 हजार वोट मिले। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, अमेठी में बीजेपी को कुल वोट का 49.71 प्रतिशत और राहुल गांधी को 43.84 प्रतिशत वोट मिला था। हालाँकि राहुल गांधी के सिपहसलार इस बात से वाक़िफ़ थे कि अमेठी उनके हाथों से निकल सकता है इसलिए राहुल गांधी ने विकल्प के तौर पर वायनाड से भी पर्चा भरा था जहां उन्हें जीत हासिल हुई थी।

सियासी विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी ने ख़ुद अपने हाथों से अमेठी लोकसभा सीट स्मृति इरानी को गिफ्ट कर दी है। बीते पाँच साल में स्मृति जहां सौ से ज्यादा बार आईं वहीं राहुल सिर्फ तीन बार ही अमेठी आये। अपने संसदीय क्षेत्र को लेकर राहुल गांधी की बेरुख़ी ने उन्हें यहाँ कमजोर बनाया है।

Sudeept Mani Tripathi

Sudeept Mani Tripathi

About Author

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से हिंदी पत्रकारिता में परास्नातक। द लोकतंत्र मीडिया फाउंडेशन के फाउंडर । राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर लिखता हूं। घूमने का शौक है।

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